लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व गठबंधन एनडीए के पास 292 सीटें हैं और विपक्षी दलों के आईएनडीआई गठबंधन के पास 234 सीटें हैं। ऐसे में एनडीए के पास केंद्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत है लेकिन इंडी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 39 सांसदों की जरूरत है। क्योकि केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सांसद चाहिए।
इसी मामले में बुधवार 5 जून को इंडी गठबंधन और एनडीए की बैठक है। इस बात को लेकर देश में चर्चा चल रही है की अगर जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार या टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, एनडीए (NDA) का साथ छोड़कर चले जाते हैं तो भाजपा तीसरी बार अपनी सरकार नहीं बना पाएगी। ऐसे में अगर आपसे यह कहें की ऐसा कुछ नहीं होगा तो?
नीतीश कुमार के जाने से क्या होगा
चुनाव में एनडीए को 292 सांसद मिले। इनमें से 12 सांसद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के हैं। अगर जेडीयू एनडीए छोड़कर इंडी गठबंधन में शामिल हो जाती है, तो भी एनडीए के पास 280 सांसद होंगे, जो जीतने के लिए ज़रूरी सांसदों से ज़्यादा है। इसका मतलब यह है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए छोड़ भी देते हैं, तो भी मोदी तीसरी बार नेता बन सकते हैं।
नायडू हो गए इंडी गठबंधन के प्रस्ताव से खुश
अभी एनडीए के पास 292 सांसद हैं। इनमें से 16 सांसद टीडीपी के हैं। अगर TDP, INDI में शामिल होने का फैसला करती है, तो NDA के पास अभी भी 276 सांसद होंगे, जो बहुमत के लिए जरूरी संख्या से चार ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि अगर नायडू गठबंधन में शामिल हो जाते हैं, तो भी NDA सत्ता में रहेगी।
तीसरी बार आएगी मोदी की सरकार
अगर नीतीश या नायडू दोनों में एनडीए का साथ छोड़ता है तो राजग (NDA) बहुमत से पीछे रह जाएगा। ऐसे में राष्ट्रपति NDA के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे। मोदी गठबंधन के नेता हैं, ऐसे में वह तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे बस उन्हें 8 सांसदों की आवश्यकता होगी। ऐसे में अगर देश के सभी निर्दलीय या छोटे दल जो फिलहाल किसी गठबंधन के साथ नहीं है। उन्हें NDA के साथ शामिल कर लिया जाये तो बहुमत मिल जाएगा।