Iran-Israel War: इजरायल और ईरान के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने एक अहम बयान देकर पश्चिम एशिया में हलचल मचा दी है। काट्ज ने कहा है कि ईरान को अपने पास मौजूद संवर्धित यूरेनियम को वापस करना होगा,
जो परमाणु हथियार बनाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह संदेश अमेरिका और इजरायल दोनों देशों की ओर से साझा रूप से ईरान को दिया गया है। उनका कहना है कि यह केवल एक चेतावनी नहीं है, बल्कि ईरान की परमाणु क्षमताओं पर नियंत्रण लगाने की संयुक्त कोशिश है।
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Iran-Israel War: ईरान के परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना
काट्ज ने साफ तौर पर कहा कि ईरान की परमाणु गतिविधियां वैश्विक शांति के लिए खतरा बन चुकी हैं और इसीलिए इजरायल ने हाल ही में ईरान के कुछ अहम परमाणु ठिकानों पर हमला भी किया था। इन हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु तैयारी को कमजोर करना था।
उन्होंने दावा किया कि इजरायल की कार्रवाइयों के चलते अब ईरान के पास ऐसा कोई तकनीकी आधार नहीं बचा जिससे वह संवर्धित यूरेनियम को परमाणु हथियार के रूप में तैयार कर सके। उन्होंने बताया कि उस ट्रांसफर फैसिलिटी को भी ध्वस्त कर दिया गया है जहां यह प्रक्रिया पूरी होती थी।
ईरान ने छुपा रखा है यूरेनियम भंडार
इसके साथ ही इजरायल के रक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि फिलहाल इजरायल को यह जानकारी नहीं है कि ईरान ने अपने पूरे संवर्धित यूरेनियम का भंडार कहां छिपा रखा है।
यह बात खुद में बड़ी चिंता का कारण है क्योंकि इससे यह आशंका और बढ़ गई है कि ईरान कहीं गुप्त रूप से परमाणु बम तैयार करने की दिशा में तो नहीं बढ़ रहा। इस संदर्भ में फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया जा रहा है।
जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी हमलों से ठीक पहले ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र के आसपास ट्रकों की हलचल देखी गई थी। इससे आशंका जताई जा रही है कि ईरान ने हमलों से पहले ही संवर्धित यूरेनियम को वहां से हटा लिया था।
इजरायल के रक्षा मंत्री का खुलासा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ईरान के पास अब भी लगभग 408 किलोग्राम उच्च स्तर का संवर्धित यूरेनियम मौजूद है जो हथियार निर्माण के लिए पर्याप्त है। यूरोपीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह यूरेनियम हालिया हमलों के दौरान फोर्डो के परिसर में मौजूद नहीं था,
जिससे यह जाहिर होता है कि ईरान ने उसे किसी सुरक्षित स्थान पर पहले ही पहुंचा दिया था।
इन सबके बीच इजरायल के रक्षा मंत्री ने एक और बड़ा खुलासा किया है जो अब तक सामने नहीं आया था। उन्होंने कहा कि हालिया संघर्ष के दौरान इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की योजना बनाई थी।
उन्होंने बताया कि यह फैसला युद्ध की शुरुआत में ही ले लिया गया था और इजरायली सेना इस ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार थी। लेकिन जैसे ही खामेनेई ने खुद को एक सुरक्षित बंकर में छिपा लिया, उनके सटीक लोकेशन को ट्रैक करना संभव नहीं रहा और यह ऑपरेशन रद्द करना पड़ा।
खामनेई को बनाया निशाना
जब काट्ज से पूछा गया कि क्या खामेनेई को मारने जैसी कार्रवाई के लिए अमेरिका से अनुमति ली गई थी, तो उन्होंने साफ कहा कि ऐसे मामलों में इजरायल किसी से अनुमति नहीं लेता। उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह इजरायल की स्वतंत्र रणनीतिक योजना का हिस्सा था।
अमेरिका को इसकी जानकारी बाद में दी गई। काट्ज के अनुसार, खामेनेई को निशाना बनाना एक सोची-समझी रणनीति थी, लेकिन अवसर नहीं मिलने के कारण उसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका।
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