जयपुर के सदर थाने में पुलिस अभिरक्षा के दौरान एक युवक की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतक की पहचान मनीष पांडे (उम्र 28 वर्ष) के रूप में हुई है, जिसका शव शनिवार को थाने में फंदे से लटका मिला।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवक को चोरी के शक में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन उसकी विधिवत गिरफ्तारी दर्ज नहीं की गई थी, जिससे मामला अवैध हिरासत का रूप ले चुका है।
6 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
घटना सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। जयपुर पुलिस आयुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सदर थानाधिकारी समेत कुल छह पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
इसमें दो उप निरीक्षक, दो हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं। साथ ही, पूरे मामले की जांच के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, युवक नशे का आदी था और चोरी के एक मामले में संदेह के आधार पर दो दिन से थाने में बैठाया गया था। शनिवार को युवक का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद किया गया।
जिसके बाद आनन-फानन में एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन एफआईआर में उसकी गिरफ्तारी का कोई उल्लेख नहीं होने से विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तरप्रदेश का था मृतक मनीष पांडे
मृतक के परिजन उत्तर प्रदेश से जयपुर पहुंच रहे हैं। शव का पोस्टमार्टम परिजनों की उपस्थिति में कराया जाएगा। वहीं, मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय नागरिक समाज ने भी इस मामले को लेकर नाराजगी जताई है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस बीच यह भी सामने आया है कि कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सदर थाना परिसर का दौरा किया था और पुलिसिंग में सुधार तथा मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे।
अब उसी थाने में हिरासत के दौरान युवक की मृत्यु होना पुलिस तंत्र की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। फिलहाल, मामले की न्यायिक जांच जारी है और पुलिस विभाग उच्च स्तर पर निगरानी कर रहा है।