Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन की ओर रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ के महज दो मिनट बाद ही भीषण हादसे का शिकार हो गई।
विमान मेघानीनगर इलाके में सिटी सिविल अस्पताल और बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा। इस दर्दनाक त्रासदी में कुल 242 में से 241 लोगों की जान चली गई — सिर्फ एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बचा।
हादसे की भयावहता ऐसी थी कि कई शवों की पहचान तक संभव नहीं हो पा रही है। हॉस्टल के 27 लोगों की भी मौत हो गई, जबकि 20 डॉक्टर अब तक लापता हैं। नीचे पढ़िए उन लोगों की कहानियां, जिनके सपने इस हादसे के साथ बिखर गए—
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Ahmedabad Plane Crash: बेटी की साथ लौट रही थीं, हादसे ने खुशियां निगल लीं
बड़ोदरा के बाडी इलाके की 26 वर्षीय सादिकाबेन मोहम्मद मिया सेठवाला अपनी ढाई साल की बेटी फातिमा के साथ लंदन लौट रही थीं। वे अपने देवर की शादी में शरीक होने भारत आई थीं।
12 जून की सुबह पूरे परिवार ने उन्हें एयरपोर्ट छोड़ा था। लेकिन घर लौटते समय ही विमान हादसे की खबर मिली। शवों की कोई जानकारी अब तक नहीं मिल सकी।

बेटे से मिलने का सपना लिए सोलापुर से निकले थे बुजुर्ग दंपती
Ahmedabad Plane Crash: महाराष्ट्र के सोलापुर निवासी महादेव पवार (68) और उनकी पत्नी आशा (60) अपने लंदन में रह रहे बेटे से मिलने पहली बार जा रहे थे।
वर्षों से इस मिलने का सपना देख रहे थे। परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था। विमान हादसे में दोनों की जान चली गई। बेटा लंदन में उनका बेसब्री से इंतजार करता रह गया।

बेटी का सपना था एयर होस्टेस बनना, मां आज भी यकीन नहीं कर पा रहीं
मणिपुर की नगनधोई शमां कोंगबद्दलाटपम इस फ्लाइट की एयर होस्टेस थीं। महज 22 साल की उम्र में वो अपने सपने को जी रही थीं, लेकिन हादसे ने सब खत्म कर दिया।
मां हर एलबम को पलटकर बस एक ही सवाल पूछ रही हैं — “कहां गई मेरी बेटी?” बहन गीतांजलि ने बताया कि नगनधोई ने फ्लाइट से पहले लंदन जाने की जानकारी मैसेज से दी थी।

Ahmedabad Plane Crash: ‘गुड मॉर्निंग’ कहकर गया बेटा, फिर कभी नहीं लौटा
दीपक पाठक, जो इस विमान में क्रू मेंबर थे, ने हादसे से ठीक पहले अपनी मां को फोन पर ‘गुड मॉर्निंग’ कहा था। इसके बाद उनका फोन घंटों बजता रहा, पर किसी ने जवाब नहीं दिया।
मां आज भी इस खबर को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। चार साल पहले ही दीपक की शादी हुई थी।

शादी के बाद पहली बार पति से मिलने जा रही थीं, जिंदगी थम गई
राजस्थान की बालोतरा जिले की खुशबू राजपुरोहित जनवरी 2025 में विवाह के बाद पहली बार अपने पति से मिलने लंदन जा रही थीं। पति विपुल सिंह वहां पढ़ाई कर रहे हैं।
वीजा और बाकी दस्तावेज पूरे होने के बाद खुशबू बेहद उत्साहित थीं। एयरपोर्ट छोड़ते समय उन्होंने वादा किया था — “जल्द साथ लौटेंगे।” पर अब वो वादा अधूरा रह गया।

बेटी के साथ 6 महीने बिताने जा रही थीं मां, अब कभी नहीं मिलेंगी
बाबैन की रहने वाली 55 वर्षीय अंजू शर्मा अपनी बेटी निम्मी से मिलने लंदन जा रही थीं। योजना थी कि वह अगले छे महीने वहीं रहेंगी। अंजू पिछले 30 साल से बड़ोदरा में रह रही थीं।
उनके पति का निधन पहले ही हो चुका था। हादसे की खबर उनके बुजुर्ग माता-पिता को अभी तक नहीं दी गई है। पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
सिर्फ एक जीवन बचा, बाकी कहानियां अधूरी रह गईं
हादसे में सिर्फ एक यात्री बच सका। वह विंडो सीट पर बैठा था और टक्कर के वक्त बाहर गिर जाने से उसकी जान बच गई। बाकी सभी की कहानियां वहीं थम गईं, जहां वे अपनों से मिलने, सपने पूरे करने या नई शुरुआत के लिए निकले थे।