अंबाला से लुधियाना रुट पर उस समय हड़कंप मच गया, जब दो माल गाड़ियों की आपस में भिड़त हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी की दूर तक आवाज सुनाई दी और माल गाड़ी पटरी से उतर गई। इस घटना में दो लोको पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए।
माल गाड़ी पटरी से उतरी
जानकारी के अनुसार 5500 करोड़ से तैयार किए गए आधुनिक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर रविवार तड़के लगभग चार बजे ट्रेन हादसा हो गया। प्रथम दृष्टया यह हादसा मालगाड़ी के लोको पायलट की लापरवाही से हुआ। बताया जा रहा है कि उसने सिग्नल को (ओवरशूट) दरकिनार करते हुए मालगाड़ी का संचालन जारी रखा और वह पहले से ही ट्रैक पर खड़ी दूसरी मालगाड़ी से जा टकराई। उस दौरान वहां से गुजर रही ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेन नंबर-04681 कोलकाता-जम्मूतवी के एसएलआर और जरनल कोच से जा टकराया। गनीमत रही कि स्पेशल ट्रेन की गति धीमी थी।
माल गाड़ी अंबाला-लुधियाना रास्ते पर हुई दुर्घटना ग्रस्त
अचानक जोरदार आवाज सुनकर यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दी और ट्रेन रुक गई। जब उसने इंजन से उतरकर मौके का मंजर देखा तो हैरान रह गया। चारों तरफ धुंआ फैला था और मालगाड़ी के डिब्बे व इंजन एक दूसरे पर चढ़े हुए थे। हादसे के बाद कोलकाता-जम्मूतवी के क्षतिग्रस्त दो कोच को काटकर अलग किया गया और ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
अंबाला-लुधियाना रेल सेक्शन पर मालगाड़ी के हादसाग्रस्त होने से 79 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान 62 ट्रेनों को बदले मार्ग से संचालित किया गया। वहीं तीन ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके एक को पुन: संचालित और 12 ट्रेनों को पूर्णतौर पर रद्द रखा गया।
वहीं रेल मार्ग प्रभावित होने से अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का तांता लग गया और वो ट्रेनों की जानकारी लेने के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए। कुछ यात्री बसों से नई दिल्ली की तरफ रवाना हो गए क्योंकि उन्हें आगामी सफर के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी थी। रिफंड को लेकर भी रेल कर्मचारी कार्यवाही में जुटे रहे।