काशी धर्म, अध्यात्म और मोक्ष के लिए जानी जाती है। ऐसे में अगर राजनीति की बात हो और काशी का नाम न आये ऐसा कैसे हो सकता है। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में काशी में मतदान होना बाकी है। खास बात ये है कि यहां सांसद के रुप में PM मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। यहां की सीट को जटिल सीटों में से एक कहा जाता है। क्योंकि यहां के लोग अपने अल्हड़पन के लिए जाने जाते है। हालांकि काशी को देश में भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है।
PM मोदी और अजय राय में टक्कर
एक वरिष्ठ पत्रकार बताते है कि भाजपा के पास संगठन है। कार्यकर्ता इसकी बड़ी ताकत है। भाजपा को छोड़कर किसी और के पास ऐसी ताकत नहीं है। मोदी और अजय राय में धरती-अंबर सा गैप है, लेकि बात जब मार्जिन की आती है तो छोटी-छोटी चीजें बड़ी जरूरी हो जाती हैं। कबूतर उड़ाना अच्छा लगता है, लेकिन अंडा तो मत उड़ाइए।
इस शहर को स्मार्ट, मॉडर्न सिटी के तौर पर देखने लोग नहीं आते। ये 6000 साल पुराना, दुनिया का सबसे प्राचीन शहर है। आधुनिकता के नाम पर बेतुके विकास को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है। यहां पर राजनीति चाय की दुकानों पर पकती है, कचौड़ी की दुकान पर उसमें 70 मसाले मिलाए जाते हैं। फिर बेलौस-सी महफिल में उठती है सियासी चर्चा। वहीं 2014 से अब तक के लोकसभा चुनाव की बात की जाएं तो इस बार प्रत्याशी की संख्या काफी कम है। पिछली बार के मुकाबले। इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।
PM मोदी के अलावा सात लोग चुनावी मैदान में
पीएम मोदी के अलावा सात लोग इस चुनावी मैदान में हैं उनमें सबसे बड़ा नाम है अजय राय का। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पांच बार के विधायक हैं। उनके बाद नाम आता है बसपा के अतहर जमाल लारी का। वे बुनकरों के नेता हैं, कई चुनाव लड़ चुके हैं। फिर अपना दल कमेरावादी के गगन प्रकाश यादव का नाम आता है। वो पीडीएम के प्रत्याशी हैं और उनकी पार्टी का पटेलों में दबदबा है। हालांकि अब चुनाव का असली फैसला तो 4 जून को ही होगा।