Hiccups: अक्सर आपने भी महसूस किया होगा कि अचानक हिचकी आ जाती है और लोग मजाक में कह देते हैं कि “कोई आपको याद कर रहा है।”
कई बार ये हिचकी ऐसी जगह भी आने लगती है जहाँ शर्मिंदगी महसूस होती है, से मीटिंग में, क्लासरूम में या किसी सार्वजनिक स्थल पर। ऐसे में हम तुरंत पानी पीने लगते हैं।
कुछ लोग उल्टी गिनती गिनने लगते हैं या किसी का नाम लेकर खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हिचकी वास्तव में क्यों आती है? यह शरीर की एक साधारण क्रिया है, लेकिन इसके पीछे कारण कई हो सकते हैं।
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Hiccups: शरीर की प्रक्रिया है हिचकी
हिचकी आना शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया है जो श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र की हलचल से जुड़ी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसका सीधा संबंध हमारे डायाफ्राम (जिसे हिंदी में पट या पार्श्वपट कहते हैं) से होता है।
डायाफ्राम एक मांसपेशी है जो हमारे फेफड़ों और पेट के बीच स्थित होती है। जब यह मांसपेशी अचानक संकुचित (कॉन्ट्रैक्ट) होती है, तो हमारे फेफड़ों में हवा तेजी से जाती है और आवाज के तार (वोकल कॉर्ड्स) अचानक बंद हो जाते हैं, जिससे “हिक” जैसी आवाज पैदा होती है, जिसे हम हिचकी कहते हैं।
पेट से जुड़ा है गहरा रिश्ता
अगर आप अचानक बहुत ज्यादा खा लेते हैं या बहुत जल्दी खाते हैं तो पेट फूलने लगता है, जिससे डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है और हिचकी आ सकती है। इसी तरह, कुछ मसालेदार या बहुत गर्म भोजन से भी डायाफ्राम उत्तेजित हो सकता है, जिससे यह बार-बार संकुचित होता है और हिचकी लग जाती है।
सामान्य तौर पर हिचकी थोड़ी देर में खुद बंद हो जाती है। लेकिन अगर ये कई घंटे या कई दिनों तक चलती रहे, तो यह किसी गहरे मेडिकल कारण का संकेत भी हो सकती है।
नसों को नुकसान
लंबे समय तक हिचकी आना कभी-कभी वेगस नर्व या फ्रेनिक नर्व के डैमेज होने का संकेत हो सकता है। ये नसें डायाफ्राम को नियंत्रित करती हैं और इनमें कोई दिक्कत होने पर लगातार हिचकी आ सकती है।
सेंट्रल नर्वस सिस्टम की समस्या
कभी-कभी ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन इंफेक्शन या स्ट्रोक जैसी स्थितियाँ भी हिचकी का कारण बन सकती हैं। जब मस्तिष्क का वह हिस्सा जो डायाफ्राम को कंट्रोल करता है, प्रभावित होता है तो हिचकी लंबे समय तक बनी रह सकती है।
मेटाबॉलिज्म से जुड़ी गड़बड़ियां
अत्यधिक शराब सेवन, मधुमेह (शुगर), किडनी की समस्या या इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन भी लंबे समय तक हिचकी का कारण बन सकते हैं।
हिचकी से राहत पाने के घरेलू उपाय
ज्यादातर मामलों में हिचकी कुछ मिनटों में चली जाती है, लेकिन यदि आप तुरंत राहत चाहते हैं, तो इन घरेलू उपायों से मदद मिल सकती है:
ठंडा पानी पिएं
धीरे-धीरे ठंडा पानी पीने से डायाफ्राम शांत होता है और हिचकी रुक सकती है।
सांस रोक कर रखें
गहरी सांस लेकर उसे कुछ सेकंड तक रोके रखें। इससे फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है, जिससे डायाफ्राम का संकुचन रुक सकता है।
कागज की थैली में सांस लें
कभी-कभी पेपर बैग में सांस लेने से भी राहत मिलती है क्योंकि यह शरीर में CO₂ का स्तर बढ़ाता है जिससे मांसपेशियों की क्रिया थोड़ी देर के लिए स्थिर हो जाती है।
ध्यान भटकाएं
कभी-कभी हिचकी मानसिक कारणों से भी होती है, ऐसे में ध्यान दूसरी चीजों पर लगाने से हिचकी खुद बंद हो जाती है।
नींबू चाटें या चीनी खाएं
नींबू की खटास या एक चुटकी चीनी मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसना भी कई बार असरदार साबित होता है।
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