Rajasthan News: राजस्थान में 24 से अधिक शैल्टर होम में 900 के करीब बांग्लादेशी और रोहिंग्या को रखा गया है, जिनके पास भारत का नागरिक होने का कोई सबूत नहीं मिला। जो दस्तावेज मिले, वो भी फर्जी हैं। गलत तरीके से बनाए गए हैं। इन सभी को विशेष विमान से पश्चिम बंगाल भेजा जाएगा।
यहां से बांग्लादेश और म्यांमार भेजा जाएगा। इससे पहले 15 मई को 148 लोगों को भेजा जा चुका है। इससे पहले राजस्थान में एक हजार से ज्यादा बांग्लादेशी और रोहिंग्या थे। राजस्थान पुलिस और जिला प्रशासन ने अपने-अपने इलाकों में रह रहे बांग्लादेशियों को चिह्नित कर जिले के डिटेंशन सेंटर पर शिफ्ट कर दिया है।
डिटेन किए गए लोगों के पास भारत के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र मिला। जो फर्जी मिले। ये दस्तावेज कैसे बने इसे लेकर पुलिस टीमें अलग से जांच कर रही हैं।
बांग्लादेश-म्यांमार से अधिक संख्या में अवैध रूप से आए
जानकारी के अनुसार, राजस्थान में चिह्नित बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों को पश्चिम बंगाल से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के माध्यम से इनको इन के देश भेजा जाएगा। दरअसल, 30 अप्रैल को राजस्थान सरकार ने बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया था। इसके बाद जिलों में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी।
इसका काम मजदूर मिलने वाली जगहों पर सर्च करना और दस्तावेजों की जांच करना था। इसके बाद पुलिस टीम के सामने यह जानकारी आई की बांग्लादेश और म्यांमार से बहुत अधिक संख्या में अवैध रूप लोग आए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक और पुरुषों की संख्या कम मिली।
सबसे अधिक बांग्लादेशी मिले सीकर जिले में
बांग्लादेशी महिलाएं घर में घरेलू कामकाज करती मिलीं। इनके अलावा पुरुष कबाड़ी, खान मजदूरी, ईंट-भट्टों में मजदूरी, कचरा बीनने या बेलदारी जैसे काम कर रहे थे। डिटेन किये गए इन लोगों में से कुछ के आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आए। राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस को इन लोगों को डिटेन करने का टास्क दिया।
इस पर सबसे अधिक डिटेंशन की कार्रवाई सीकर जिले में हुई। यहां 394 बांग्लादेशी और रोहिंग्या को पुलिस ने डिटेन किया। कुल 341 बच्चे, 284 महिलाएं और 376 पुरुषों को पकड़ा गया।