गर्मियों का मौसम आते ही सबको ठंडा पीने की इच्छा तो होती ही है, और फिर ख्याल आता है रूह अफ़ज़ा का । ठन्डे पानी में बना रूह अफ़ज़ा या उससे बना मिल्कशेक किसे पसंद नहीं होता ? पर क्या आप जानते है की इसकी शुरुवात हुई कैसे थी। आइये आपको बताते है की रूह अफ़ज़ा कब और कैसे शुरू हुआ।
कहा से हुई शुरुवात ?
रूह अफ़ज़ा को बनाने वाली कंपनी का नाम हमदर्द है जिसका बिजनेस आज 25 से ज्यादा देशों में है और मार्किट में इसके 600 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं। इस शरबत के बनने की पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है।
दरअसल,इस शरबत की कहानी 116 साल पुराणी है। 1907 में जब दिल्ली के लोग भीषण गर्मी से परेशान थे और बीमार पड़ रहे थे । तब वहा के यूनानी दवाओं के विशेषज्ञ हकीम अब्दुल माजिद ने अपने दवा खाने में एक खास तरह की ड्रिंक तैयार की जिसका मकसद लोगों को लू से बचाना था। यह ड्रिंक उन्होंने तरबूज़ के बीज, गाजर के बीज, पुदीना, गुलाब, खास की जड़ जैसी कई और जड़ी बूटियों को मिलाकर एक दावा के रूप में बनायीं थी।
हैरान करने वाली बात यह है की भारत के विभाजन के बाद रूह अफजा का आधा कारोबार सिमट कर पाकिस्तान और फिर वहां से बांग्लादेश तक चला गया था। जिसके बाद साल 2021-22 तक रूह अफजा का टर्नओवर 700 करोड़ हो गया था।
रूह अफ़ज़ा के अलावा कई और प्रोडक्ट्स
हमदर्द ने हाल ही में रूहअफजा की लस्सी और मिल्कशेक के टेट्रा पैक की भी शुरुवात की है। इसके अलावा इसने अपने सेहत का ध्यान रखने वाले कस्टमर्स के लिए सुगरफ्री वेरिएंट भी लॉन्च किया है जो बिलकुल पुराने रूहअफजा जैसा ही है।
लॉकडाउन में जरूरी सामान में शामिल था रूह अफजा
भारत में रूह अफजा कितना पसंद किया जाता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी के दौरान,जब 2020 में पूरे देश में लॉकडाउन लगा था और सिर्फ कुछ चीज़ो की बिक्री को ही मंजूरी मिली थी तब इस सॉफ्ट ड्रिंक को जरूरी उत्पादों की कैटेगरी में रखा गया था।