Special conversation with PM Modi: लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टीवी से बातचीत में देश की मौजूदा राजनीति, दुनिया में भारत का बढ़ता कद से लेकर तमाम राजनीतिक सवालों के जवाब बिना लाग लपेट के दिए। उन्होंने रूस से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिका समेत यूरोपीय देशों की नराजगी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि उनका काम अमेरिका को नहीं बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों को खुश करना है।
मैं अपने देश की जनता के बारे में सोचता हूं
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने रूस से कच्चे तेल का आयात कर अपने करोड़ों देशवासियों को महंगे ईंधन के बोझ से बचाया। जब दुनिया में क्रूड ऑयल की कीमत में उछाल आई तो हम सस्ता पेट्रोल-डीजल बेच रहे हैं। ‘मैं दुनिया की नहीं सोचता! मैं हमेशा अपने देश की जनता के बारे में सोचता हूं’। देश की जनता को सुखमय जिंदगी देने की दिशा में हर कदम उठाता हूं। आगे भी इस तरह के काम को करता रहूंगा। आज भारत नजर झुकाकर नहीं, बल्कि नजरें मिलाकर बात करता है। यह बदलाव देश की जनता के बदौलत आया है।
रूसी तेल से भारत को हुआ बड़ा फायदा
रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखने की भारत की रणनीति का ही नतीजा है कि वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के तेल आयात बिल में लगभग 7.9 बिलियन डॉलर की बचत हुई है और देश को अपने चालू खाता घाटे को कम करने में भी मदद मिली है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें अभी 82.17 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल के दौरान आयात 13-17 प्रतिशत बढ़ गया। आंकड़ों से पता चलता है कि इराक से इसके तेल आयात में 20-23 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम का हिस्सा बढ़ा
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मात्रा के लिहाज से रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम का हिस्सा वित्त वर्ष 2024 के 11 महीनों में 36 प्रतिशत हो गया, जबकि पश्चिम एशियाई देशों (सऊदी अरब, यूएई और कुवैत) से आयातित हिस्सा 34 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत हो गया। रूसी तेल पर छूट से तेल आयात बिल में भारी बचत हुई। आईसीआरए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से आयात का अनुमानित इकाई मूल्य वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के 11 महीनों में पश्चिम एशिया से संबंधित स्तरों की तुलना में क्रमशः 16.4 प्रतिशत और 15.6 प्रतिशत कम था।