Action on Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (सीसीएस) में 5 बड़े फैसले किए गए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान में तैनात अपना सैन्य अताशे को वापस बुलाने का फैसला किया है। अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला भी किया गया है। जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं करता, तब तक तत्काल प्रभाव से सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया गया है और उनको 48 घंटे में भारत छोड़ने को कहा गया है।
केंद्र ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक
सीसीएस की बैठक ढाई घंटे चली। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस.जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत महत्वपूर्ण अफसर मौजूद थे। सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उधर, पहलगाम के बैसरन में आतंकी हमले के दूसरे दिन बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली तक बैठकों का लंबा दौर चला। इधर, सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए। इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में मौजूद है।
1500 से ज्यादा लोगों को लिया कस्टडी में
शुरुआती जांच में पता चला है कि हमले में 5 आतंकी शामिल थे। इनमें से दो लोकल और 3 पाकिस्तानी आतंकी थे। पहलगाम में कायराना आतंकवादी हमले के बाद सेना और सुरक्षाबलों ने धरपकड़ तेज कर दी। पूरे जम्मू और कश्मीर से 1500 से ज्यादा लोगों को कस्टडी में लिया गया। उनसे पहलगाम में पर्यटकों पर किए गए हमले को लेकर पूछताछ चल रही है। हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों की तलाश तेज हो गई है। पहलगाम के जंगलों में इस वक्त सुरक्षा बलों ने अपना सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। आतंकी बैसरन के जंगलों से होकर आए थे।
सीसीएस में पाक के खिलाफ लिए गए फैसले
(1) 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा रहा है, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता।
(2) इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं, वे एक मई से पहले इसी रास्ते से वापस जा सकते हैं।
(3) दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 1 मई तक पूरी कर ली जाएगी।
(4) पाकिस्तानी नागरिकों को अब एसएएआरसी वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी। पहले से जारी सभी एसवीईएस वीजा निरस्त माने जाएंगे। अभी एसवीईएस वीजा पर भारत में रह रहे किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा।
(5) नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है। भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे।