वाशिंगटन | 16 अप्रैल 2025 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय अपनी “राजनीतिक, वैचारिक और आतंक-प्रेरित” गतिविधियों को नहीं रोकेगा, तो उसकी टैक्स-फ्री (Tax Exempt) हैसियत रद्द की जा सकती है। ट्रंप ने Truth Social पर लिखा:
“शायद हार्वर्ड को राजनीतिक इकाई मानकर उसकी टैक्स छूट खत्म कर देनी चाहिए अगर वो यह वैचारिक बीमारी फैलाता रहा।“
यह विवाद तब और बढ़ गया जब पिछले शुक्रवार ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को एक मांग-पत्र सौंपा, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि अगर उन मांगों को नहीं माना गया, तो विश्वविद्यालय को मिलने वाली $9 अरब से अधिक की संघीय सहायता बंद कर दी जाएगी।
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हार्वर्ड ने ठुकराई शर्तें, प्रशासन ने 2.2 अरब डॉलर की सहायता रोकी
सोमवार को हार्वर्ड के अध्यक्ष ने इन मांगों को अवैध और निजी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला बताते हुए खारिज कर दिया। इसके कुछ ही घंटों में प्रशासन ने विश्वविद्यालय की $2.2 अरब से अधिक की ग्रांट और रिसर्च फंडिंग को फ्रीज़ कर दिया। इसमें विज्ञान, समाजशास्त्र, चिकित्सा जैसे विषयों पर चल रहे कई बहुवर्षीय शोध शामिल थे।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल डॉर्फ ने कहा, “ट्रंप प्रशासन की मांगों की गंभीरता को देखते हुए हार्वर्ड के पास और कोई विकल्प नहीं था।”
अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन के प्रमुख टेड मिशेल ने कहा कि हार्वर्ड ने खड़ा होकर एक रास्ता दिखाया है: “अगर हार्वर्ड चुप रहता, तो उच्च शिक्षा संस्थानों में भय और आत्मसमर्पण का माहौल बन जाता।”
ट्रंप प्रशासन की मुहिम: “वामपंथी पूर्वाग्रह और यहूदी-विरोध” के खिलाफ अभियान

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उनकी यह कार्रवाई यहूदी विरोध (Antisemitism) के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए है। मार्च में सरकार ने घोषणा की थी कि देश के 60 विश्वविद्यालयों की जांच की जा रही है कि क्या उन्होंने यहूदी छात्रों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं या नहीं।
प्रशासन की संयुक्त टास्क फोर्स ने बयान दिया: “अभ्यास और अध्ययन में विघटन अस्वीकार्य है। अगर विश्वविद्यालय बदलाव नहीं लाएंगे, तो उन्हें टैक्सपेयर्स का समर्थन खोना पड़ेगा।”
हालांकि ट्रंप ने पहले भी स्पष्ट किया है कि वे विश्वविद्यालय परिसरों में कथित “मार्क्सवादी एजेंडे और वामपंथी ब्रेनवॉश” के विरोध में हैं। 2023 के एक भाषण में उन्होंने कहा था: “हम उन संस्थानों का आर्थिक गला घोंट देंगे जो हमारी सभ्यता के विरुद्ध प्रचार करते हैं।”
गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने मार्च में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के साथ 400 मिलियन डॉलर के अनुबंध को इसलिए रद्द कर दिया था क्योंकि उसने अपने कैंपस में यहूदी विरोधी धार्मिक भेदभाव को रोका नहीं था।

ओबामा का जवाब: “अकादमिक स्वतंत्रता पर हमला”
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हार्वर्ड के पक्ष में बयान दिया और ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई को “अकादमिक स्वतंत्रता पर गैरकानूनी और दबंगई भरा हमला” बताया।
टैक्स-फ्री स्टेटस खतरे में
सबसे बड़ी चिंता अब यह है कि प्रशासन हार्वर्ड और अन्य विश्वविद्यालयों की टैक्स-फ्री स्थिति को भी खत्म करने की ओर बढ़ सकता है।
अमेरिका में लगभग सभी उच्च शिक्षा संस्थान गैर-लाभकारी (nonprofit) माने जाते हैं और उन्हें टैक्स से छूट प्राप्त है। हार्वर्ड के पास दुनिया का सबसे बड़ा एंडोमेंट फंड है – करीब $50 अरब।
2017 में ट्रंप-समर्थित रिपब्लिकन कांग्रेस ने एक कानून पारित कर 1.4% टैक्स एंडोमेंट फंड पर लागू किया था, जिससे कई बड़े विश्वविद्यालय प्रभावित हुए थे।
प्रशासन की मांगें क्या हैं?
प्रशासन की ओर से जो शर्तें रखी गई थीं, उनमें शामिल हैं:
- DEI (Diversity, Equity, Inclusion) कार्यक्रमों को खत्म करना
- उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों की स्क्रीनिंग जो “आतंकवाद या यहूदी-विरोध” का समर्थन करते हों
- शिक्षक भर्ती में “दृष्टिकोण की विविधता” (viewpoint diversity) सुनिश्चित करना
इन मांगों के खिलाफ अब अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स के साथ मिलकर हार्वर्ड ने एक कानूनी चुनौती पेश की है।
छात्रों पर असर: ‘Charting My Path’ भी बंद
इस बीच, कई उपयोगी छात्र कार्यक्रमों की फंडिंग भी खत्म हो रही है। मैसाचुसेट्स के न्यूटन साउथ हाई स्कूल के छात्र लोगन (17 वर्ष), जो विकलांग छात्रों के भविष्य को संवारने वाले ‘Charting My Path’ प्रोग्राम का हिस्सा थे, अब इस प्रोग्राम के रद्द होने से असमंजस में हैं। यह कार्यक्रम फरवरी में ट्रंप प्रशासन ने बंद कर दिया था।