ATM Card का इस्तेमाल लगभग सभी लोग करते है। देश में करीब 80 फीसदी लोगों के पास कम से कम एक बैंक अकाउंट है। इसके साथ ही आप अपने बैंक खाते का एटीएम कार्ड भी इस्तेमाल करते है, लेकिन क्या आपको पता है कि उससे आपको इंश्योरेंस भी मिलता है और आप इसे क्लेम भी कर सकते है। दरअसल ज्यादा बैंक अकाउंट खुलने के बाद ATM कार्ड का इस्तेमाल भी काफी बढ़ गया है और इसने पहले की तरह बैंक की लाइन में लगकर पैसे निकालने की समस्या को ही खत्म कर दिया है। एटीएम के साथ बस इतनी ही सहूलियत नहीं है। इसमें आपको इंश्योरेंस भी मिलता है और उसके लिए कोई प्रीमियम भरने की भी जरूरत नहीं होती। बैंक से एटीएम कार्ड जारी होने के साथ ही आपका एक्सिडेंटल इंश्योरेंस (Accidental Insurance) और लाइफ इंश्योरेंस भी हो जाता है।
ATM Card से कैसे मिलता है Insurance का लाभ
अगर आपको किसी भी बैंक का एटीएम कार्ड इस्तेमाल करते हुए 45 दिन हो गए है, तो आप फ्री इंश्योरेंस के पात्र बन जाते हैं। फिर आप दुर्घटना या असमय निधन जैसी स्थिति में इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। हालांकि बीमे की रकम कितनी होगी, यह कार्ड और उसकी कैटेगरी के हिसाब से तय किया जाता है। वहीं बैंक क्लासिक, सिल्वर, गोल्ड और प्लेटिनम जैसे कार्ड जारी करते हैं। जिसके हिसाब से इंश्योरेंस की रकम तय होती है। जैसे क्लासिक कार्ड पर एक लाख, प्लेटिनम कार्ड पर 2 लाख, सामान्य मास्टर कार्ड पर 50 हजार, प्लेटिनम मास्टर कार्ड पर 5 लाख, वीजा कार्ड पर डेढ़ लाख से 2 लाख तक का इंश्योरेंस कवरेज मिलता है। वहीं रूपे कार्ड पर 1 से 2 लाख तक का बीमा मिलता है।
ATM Card से किस स्थिति में मिलता है Insurance
अगर एटीएम कार्ड होल्डर किसी एक्सिडेंट का शिकार हो जाता है और एक हाथ या पैर से दिव्यांग हो जाता है, तो 50 रुपये का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है। वहीं, दोनों हाथ या पैर के नुकसान पर 1 रुपये मिलते हैं। वहीं, अगर असमय मृत्यु की स्थिति में 5 लाख रुपये तक के बीमा कवर का प्रावधान है।
ATM Card से इंश्योरेंस क्लेम की नियम और शर्तें?
आपको एटीएम कार्ड वाले इंश्योरेंस क्लेम का फायदा लेने के लिए एक निश्चित अवधि के भीतर लेनदेन करते रहने होता है। यह अवधि बैंक के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। अमूमन बैंक 30 से लेकर 90 दिन के भीतर कम से कम एक बार डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन की शर्त रखते हैं।
Insurance क्लेम के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
एटीएम कार्ड पर मिलने वाले एक्सिडेंटल इंश्योरेंस को क्लेम करने के लिए FIR की कॉपी और इलाज के खर्च का सर्टिफिकेट जमा करना होता वहीं, मृत्यु की स्थिति में कार्ड होल्डर के नॉमिनी को डेथ सर्टिफिकेट, FIR कॉपी और आश्रित का प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जमा करना होता है। इस प्रक्रिया का पालन करने के बाद इंश्योरेंस की रकम मिल जाती है।