Signboard In Delhi: दिल्ली में गुरुवार को एक विवादित घटना सामने आई, जब तीन व्यक्तियों ने ‘अकबर रोड’ के साइनबोर्ड को नुकसान पहुँचाया और उस पर महाराणा प्रताप के पोस्टर चिपका दिए। तीनो व्यक्तियों ने आरोप लगाया कि कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा को कथित तौर पर नुकसान पहुँचाया गया था।
इन आरोपियों ने साइनबोर्ड पर काला पेंट छिड़का और साथ ही “जय भवानी” के नारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन से कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस पर अमित राठौर नामक व्यक्ति ने कहा, “भारत महाराणा प्रताप का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा, और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।”
दूसरे व्यक्ति जिसका नाम विजय था, उसने कहा कि वो लोग अकबर, बाबर और हुमायूं जैसे आक्रमणकारियों के साइनबोर्ड को लगातार हटा रहे हैं। विजय ने आगे यह भी बताया कि आक्रमणकारियों ने हमारे पूर्वजों के साथ अन्याय किया, महिलाओं के साथ अत्याचार किए, और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट किया। उनका कहना था, “हम समाज की आँखें खोलने की कोशिश कर रहे हैं, और यह सवाल उठाते हैं कि हम ही क्यों इस संघर्ष में हैं, बाकी लोग कहां हैं?”
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Signboard In Delhi: वीडियो हुआ वायरल
यह घटना एक वायरल वीडियो के बाद सामने आई, जिसमें कश्मीरी गेट पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा की तलवार और हाथ को क्षतिग्रस्त दिखाया गया। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जिससे इस मुद्दे पर और अधिक ध्यान केंद्रित हुआ।
इसके अलावा, हाल ही में 17 मार्च को नागपुर में भी हिंसक झड़पें हुईं, जब कुछ लोगों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की। इस हिंसा के सिलसिले में नागपुर पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें सात नाबालिग भी शामिल हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थिति पर नियंत्रण की बात की और कहा कि शहर में शांति बनी हुई है, साथ ही मामले की जांच जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अफवाह फैलाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है।
Signboard In Delhi: इस घटनाक्रम ने देश भर में सांप्रदायिक और ऐतिहासिक मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है। जहाँ एक ओर दिल्ली में ‘अकबर रोड’ के साइनबोर्ड पर की गई छेड़छाड़ ने तीव्र विरोध को जन्म दिया है, वहीं नागपुर में हिंसा और उसकी पृष्ठभूमि ने भी राज्य प्रशासन को अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता को उजागर किया है।
Signboard In Delhi: इससे पहले भी हुआ ऐसा
दिल्ली में साइन बोर्ड पर कालिख पोतना का यह पहला मामला नहीं है बल्कि इस तरह की घटना पहले भी हुई है। दरअसल, छावा फिल्म देखने के बाद दिल्ली में ही पिछले महीने कुछ लोगों ने अकबर रोड और हुमायूं रोड पर लगे साइनबोर्ड पर कालिख पोत दी थी और उन पर छत्रपति शिवाजी के पोस्टर चिपका दिए थे। साइन बोर्ड पर कालिख लगाने के बाद लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की थी।
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