Friday, May 9, 2025

Rajasthan News: वर्ष 2050 तक सर्कुलर इकोनॉमी से 1 करोड़ नौकरियां पैदा होने की संभावना : भूपेंद्र यादव

Rajasthan News: केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में चल रहे भारत और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय थ्री-आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम को संबोधित  किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2050 तक भारत की सर्कुलर अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का बाजार और लगभग 10 मिलियन नौकरियां पैदा कर सकती है। वहीं वैश्विक स्तर की बात करें तो यह सर्कुलर अर्थव्यवस्था वर्ष 2030 तक 4.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त आर्थिक उत्पादन कर सकती है।

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व्यापार में बड़े परिवर्तन सामने लाएगी सर्कुलर अर्थव्यवस्था

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सर्कुलर अर्थव्यवस्था 250 साल पहले हुई औद्योगिक क्रांति के बाद व्यापार में सबसे बड़े परिवर्तनों को सामने लाएगी और उत्पादन तथा उपभोग के अब तक चले आ रहे पारंपरिक मॉडल ‘टेक, मेक, वेस्ट’ में क्रांतिकारी परिवर्तन करेगी। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष 2026 में विश्व सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के आयोजन के लिए उम्मीदवार है। उन्होंने कहा कि हर साल विश्व सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का आयोजन किया जाता है और इस वर्ष 2025 में इसका आयोजन ब्राजील के साओ पाउलो में किया जा रहा है।

Rajasthan News: तेजी से विकसित हो रहा रीसाइक्लिंग उद्योग

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 10 अपशिष्ट श्रेणियों के लिए सर्कुलर इकोनॉमी एक्शन प्लान को अंतिम रूप दिया गया है, जिसके लिए विनियामक और कार्यान्वयन रूपरेखा पर काम चल रहा है।  उन्होंने कहा कि देश में एक मजबूत रीसाइक्लिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है, जो अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक आयामों में सतत विकास के लिए हमें राष्ट्रीय आवश्यकताओं, प्राथमिकताओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी क्षेत्रों में थ्री-आर और सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को एकीकृत करना चाहिए।

एसबीएम वेस्ट टु वेल्थ पीएमएस पोर्टल का शुभारंभ

आरआईसी में सत्र में एसबीएम वेस्ट टु वेल्थ पीएमएस पोर्टल का शुभारंभ हुआ, जो स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तहत विकसित एक अभिनव ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। पोर्टल को परियोजना निगरानी को बढ़ाने, डेटा प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने और संसाधन साझा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे वेस्ट टु वेल्थ के मिशन के व्यापक उद्देश्य का समर्थन किया जा सके। यह पहल सतत शहरी विकास और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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