Rajasthan Assembly: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्प्णी को लेकर विधानसभा में मचा बवाल थम नहीं रहा। सत्ता पक्ष, स्पीकर और कांग्रेस विधायकों के बीच गतिरोध और बढ़ गया है। कांग्रेस ने गोविंद सिंह डोटासरा सहित 6 विधायकों के निलंबन बहाली की मांग को लेकर विधानसभा की कार्रवाई का बॉयकॉट कर दिया है। ऐसे में आज विपक्ष की मौजूदगी बिना ही सदन चलेगा।
राजस्थान विधानसभा के इतिहास में आज ऐसा पहली बार होगा जब सदन की कार्रवाई बिना प्रतिपक्ष के शुरू होगी। निलंबित विधायकों की बहाली को लेकर सत्ता पक्ष से गतिरोध नहीं टूटने के चलते कांग्रेस ने सोमवार शाम विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था। इधर सत्ता पक्ष के संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने गोविंद सिंह डोटासरा पर सदन को हाईजैक करने के आरोप लगाए।
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निलंबित विधायकों को सदन से बाहर रखने की तैयारी
राजस्थान विधानसभा में चल रहे गतिरोध के दौरान निलंबित कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर रखने के लिए विधानसभा परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं कांग्रेस इस बात पर अड़ गई है कि कार्रवाई में या तो सभी 66 विधायक भाग लेंगे नहीं तो एक भी सदस्य सदन में नहीं जाएगा। इधर सत्ता पक्ष ने संकेत दिए हैं कि प्रतिपक्ष अड़ा तो उसके बिना ही सदन की कार्रवाई चलेगी।
Rajasthan Assembly: यह है पूरा घटनाक्रम…
दरअसल सोमवार को सदन में हंगामे के साथ कार्रवाई शुरू होने के बाद स्पीकर ने सदन स्थगित कर दिया था। इसी दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच स्पीकर के कैबिन में समझौते के आसार नजर आए। इसके बाद सदन शुरू होने पर स्पीकर ने डोटासरा को विशेष अनुमति देते हुए खेद जताने के लिए कहा, लेकिन डोटासरा इस बात पर अड़ गए कि पहले मंत्री अविनाश गहलोत खेद प्रकट करते हुए मामले को खत्म करें। वहीं स्पीकर वासुदेव देवनानी बोले कि मेरे चैंबर में जो बात हुई आपको वही यहां कहनी होगी, मेरे आसन पर चढ़ने के लिए आप सदन में खेद जताइए।
इस पर डोटासरा ने यह कहते हुए कि विवाद की शुरुआत कहां से हुई। मुझे आसन पर क्यों आना पड़ा। पहले आप मंत्री से काफी मंगवाइए, इसके बाद मैं खेद जता दूंगा, मुझे कोई आपत्ति नहीं है, खेद जताने से इनकार कर दिया।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि स्पीकर के चैंबर में यह स्पष्ट बात हुई थी डोटासरा आसन का अपमान करने के लिए माफी मांगेंगे। उन्होंने डोटासरा से कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि आप अपनी बात पर कायम रहें और सदन में खेद प्रकट करें। इस पर डोटासरा अड़ गए कि पहले सरकार के मंत्री को माफी मांगनी होगी।
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