Rajasthan: उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के पिता कर्नल लक्ष्मण सिंह राठौड़ के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के साथ ही बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहें। राज्यवर्धन के आवास पर पहुंचकर उनके दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Table of Contents
Rajasthan: देश के जवानों के लिए हमेशा रहें खड़े
इस दौरान राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि मेरे पिता बहुत ही सरल स्वभाव के थे, उन्होंने कहा कि मेरे पिता को गांव में रहना बेहद ही अच्छा लगता था। उन्हें मैं कई बार विदेश ले जाना चाहता था, लेकिन वो कभी जाने को तैयार नहीं हुए। राज्यवर्धन ने कहा कि वो अपने देश के जवानों के लिए हमेशा खड़े रहते थे और उनके प्रति संवेदनशील रहते थे। वहीं उन्होंने कहा कि जो पलटन का सबसे चुनौतिपूर्ण कार्य था वो मेरे पिता को दिया जाता था।
1962 और 1971 की लड़ाई लड़ी
राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि मेरे पिता ने 1962 में और 1971 की भी लड़ाई लड़ी और इंटिलेजेंस के अंदर भी रहे और सब जगह पूरी क्षमता के साथ कार्य किया। राठौड़ ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि वो ऐसा समय था जब पिता और पुत्र की ज्यादा बात नहीं होती थी, लेकिन वो अक्सर मेरी मां से पूछा करते थे कि राज्यवर्धन खुश तो है ना, उसको बोलना स्ट्रेस नहीं लेना और कोई भी समस्या परमानेंट नहीं होती है।
फौज से जो भी तनख्वाह आती थी उसका एक हिस्सा हमारे गांव के पुश्तैनी मंदिर मुरलीधर जी को जाता था। उद्योग मंत्री ने कहा कि अपने जीवन में मुझे बहुत कुछ उनसे सीखने को मिला है। बता दें कि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के पिता का निधन 6 फरवरी को हुआ था।
यह भी पढ़े: Water Vision 2047: उदयपुर में जल मंत्रियों का अखिल भारतीय सम्मेलन आज से, जानें किस-किस पर बनेगी रणनीति