Wednesday, March 12, 2025

Wildlife Protection Act: घर में तोता-मैना पालने पर हो सकती है सजा, जानें क्या हैं राजस्थान में नियम?

Wildlife Protection Act: राजस्थान में घरों में तोता, सारस या मैना आदि वन्यजीव को पालना सामान्य माना जाता है, लेकिन वन्यजीव प्रोटेक्शन एक्ट के तहत यह गैर कानूनी है और इसमें शिकायत होने पर आपको 7 साल तक की सजा भी हो सकती है। क्योंकि तोता, मैना, गिलहरी, लंगूर व स्टार कछुआ सहित कई संरक्षित वन्यजीव को घरों में पारिवारिक सदस्य की तरह पाल लेते हैं। वे लोग जाने-अनजाने में वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में अवहेलना कर देते हैं। कुछ लोग सांपों को भी अपने साथ रख लेते हैं, यह भी गैरकानूनी है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

जानें कौन-कौन से पशु-पक्षी पालना है गैरकानूनी

कोटा के उपवन संरक्षक वन्यजीव अनुराग भटनागर ने बताया कि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 में कई प्रजाति के पक्षियों को पालना प्रतिबंधित किया हुआ है। इनमें भारतीय तोता और मैना भी शामिल हैं। इसके अलावा प्रजाति जिनमें गिलहरी, लंगूर, स्टार कछुआ, सांप और कई अन्य शामिल हैं। इसी तरह मोर, बंदर, उल्लू, तीतर, बाज, हिरण, सारस, हाथी व सांप को पालना प्रतिबंधित है। इसके अलावा खरगोश की भी कई प्रजाति पालना भी अवैध है। इन्हें भी नहीं पाला जा सकता है।

Wildlife Protection Act: जुर्माने साथ 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान

भटनागर का कहना है कि अवैध रूप से इन्हें घर में रखना या पालने या कैद करने पर 3 से 7 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा 25 हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है। दूसरी तरफ संरक्षित पक्षियों और वन्यजीवों की खरीद फरोख्त उनके नाखून, हड्डी, मांस, नाखून व बाल आदि रखना भी गैरकानूनी है। हमें इसकी शिकायत मिल रही है और उसके लिए उड़नदस्ता भी हमने बनाया हुआ है, जिन्होंने कार्रवाई भी की है।

यह भी पढ़े: Elvish Yadav: पुलिस ने कहा- ‘AI से बनाई गई थी वीडियो’, राजस्थान पुलिस एस्कॉर्ट वीडियो केस में खुलासा

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article