Rajasthan News: मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके राजस्थान के भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार (12 फरवरी, 2025) को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से मिले कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया। प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ को ई-मेल के जरिए भेजे गए जवाब में उन्होंने अनुशासनहीनता की बात स्वीकारते हुए कहा कि यह उनसे गलती हुई है। वहीं, मंत्री झाबर सिंह खर्रा की ओर से दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता पर कार्रवाई का अधिकार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को है। मंत्री झाबर सिंह खर्रा और मुख्यमंत्री कार्रवाई के बारे में नहीं बता सकते।
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कहा, मेरी कोई नाराजगी नहीं है
जवाब देने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए किरोड़ी ने कहा कि नोटिस का जवाब मीडिया को नहीं बता सकता। हालांकि यह बात जरूर है कि मुझसे गलती हुई है। मंत्री ने कहा कि उन्हें फोन टैप का इनपुट मिला था। मेरी कोई नाराजगी नहीं है, अगर कोई नाराजगी होती तो मैं मुस्कुराता नहीं। अनुशासनहीनता पर कार्रवाई को लेकर बोले कि यह प्रदेश अध्यक्ष का अधिकार है। अगर वे जवाब से संतुष्ट नहीं होते तो कार्रवाई कर सकते हैं। बता दें कि मंत्री मीणा की ओर से फोन टैप की बात कहने के बाद 7 फरवरी को विधानसभा में जमकर हंगामा बरपा था।
बोले, आरपीएससी का होना चाहिए पुनर्गठन
आरपीएससी को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैंने मीडिया में देखा कि आरपीएससी को अदालत से डांट पड़ी है और पड़नी भी चाहिए। आगे बढ़कर मैं कहूंगा कि आरपीएससी ने जो गलतियां की हैं उसे सब देख रहे हैं। आरपीएससी भंग तो नहीं हो सकती है, लेकिन उसका पुनर्गठन हो सकता है।
उनके पास सबूत हैं तो खुलासा करें : पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने किरोड़ी को लेकर बयान दिया है। अपने सिविल लाइंस स्थित निवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए पायलट ने कहा कि फोन टैपिंग बहुत गंभीर अपराध है। वह चाहे पहले हुआ हो या अब हुआ, उसकी जांच होनी चाहिए। जो भी नेता, अफसर, पुलिस अफसर दोषी हो, उनका सच सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किरोड़ी लाल के पास सबूत हैं तो वे खुलासा करें।
कांग्रेस के नेता कर रहे ओछी राजनीति : बेढ़म
वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट की ओर से बयान सामने आने के बाद गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने ओछी राजनीति शुरू कर दी है। यह भाजपा नेताओं का आपसी मामला है। किरोड़ी मीणा ने जवाब दे दिया है। बेढ़म ने कहा कि कांग्रेस के बयानवीर नेता सचिन पायलट को इस मुद्दे पर सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। वह शायद भूल चुके कि कांग्रेस के राज में खुद होटल में बंद रहे थे और इनको अपमानित भी किया गया था।