Delhi Elections Result: राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव 2025 में आखिरकार 27 वर्षों बाद भगवा पताका का परचम लहराया। पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को विश्वस्तरीय राजधानी बनाने के लिए सेवा का एक मौका मांगा था और भरोसा दिया कि दिल्ली को संवारने के लिए वह स्वयं समय देंगे। यह उनकी लोकप्रियता, विश्वसनीयता, आक्रामक चुनाव प्रचार और मजबूत बूथ प्रबंधन का ही नतीजा है कि भाजपा को दिल्लीवालों ने न सिर्फ पूर्ण बहुमत दिया, बल्कि दो-तिहाई बहुमत से ज्यादा सीटें देकर दिल्ली में डबल इंजन की सरकार बना दी।
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Delhi Elections Result: भाजपा को मिले सबसे अधिक वोट
दिल्ली चुनाव में भाजपा को 45.66 प्रतिशत मत मिले, जो अब तक के विधानसभा चुनावों में उसे मिले सर्वाधिक मत हैं। इससे पहले, भाजपा को वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में 42.8 प्रतिशत मत मिले थे। उस समय पार्टी को 49 सीटें मिली थीं। इस बार अधिक मत प्रतिशत मिलने के बाद भी एक सीट कम है। दिल्ली में जीत के बाद भी भाजपा का अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। 12 आरक्षित सीटों में से मात्र 4 पर भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे।
आतिशी को छोड़ उसके सभी दिग्गज ढेर
दिल्ली में चली भगवा लहर में आप के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सौरभ भारद्वाज, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन सहित पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री आतिशी को भी कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा, लेकिन वह लगभग 3,500 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहीं। कांग्रेस के प्रदर्शन में थोड़ा सुधार तो हुआ, लेकिन लगातार तीसरे चुनाव में भी उसका खाता नहीं खुल सका।
भाजपा ने संकल्प पत्र से हर वर्ग को साधा
भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में महिलाओं, कर्मचारियों, ऑटो चालकों, युवाओं व छात्रों सहित सभी वर्गों के लिए लोकलुभावन वादे किए। महिलाओं को 2,500 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की गई और मोदी ने इसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आठ मार्च तक महिलाओं के खाते में डालने की घोषणा भी की। इससे सभी वर्गों को साधने में पार्टी सफल रही।
भाजपा की जीत के प्रमुख कारण
(1) मोदी की गारंटी… दिल्ली वासियों के लिए अनेक जनकल्याणकारी घोषणाएं।
(2) महिलाओं के खाते में 2,500 रुपये देने का एलान।
(3) AAP सरकार के भ्रष्टाचारों को चुनावी मुद्दा बनाने में सफल रही भाजपा।
(4) आयकर में राहत व केंद्रीय कर्मियों के लिए आठवें वेतन आयोग की घोषणा।
(5) 6 माह पूर्व से ही झुग्गी झोपड़ियों में भाजपा नेताओं का जनसंपर्क अभियान।
आप की हार के बड़े कारण
(1) शीशमहल व शराब घोटाला समेत भ्रष्टाचार के आरोपों में बड़े नेताओं का घिरना।
(2) विकास के कार्य ठप हो जाना और काम न होने के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराना।
(3) यमुना के पानी में जहर मिलाने की बात कहने से पार्टी की जमकर फजीहत होना।
(4) पानी की कमी, गंदा पानी, सीवर जाम और टूटी सड़कों के कारण लोगों में नाराजगी।
(5) झुग्गी वालों का छिटना और कांग्रेस का कई सीटों पर मजबूती से लड़ना।
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