Wednesday, March 12, 2025

Famous Temple In Prayagraj: प्रयागराज के दो खास मंदिर, नागवासुकी और वेणी माधव मंदिर

Famous Temple In Prayagraj: प्रयागराज के दो खास मंदिर, नागवासुकी और वेणी माधव मंदिर जैसे वाराणसी को शिव नगरी कहा जाता है, उसी प्रकार प्रयागराज को विष्णु नगरी के रूप में जाना जाता है, जहाँ इस समय महाकुंभ चल रहा है। इसी विष्णु नगरी में दो बहुत ही खास मंदिर स्थापित है और ऐसा माना जाता है की जब तक प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालु इन मंदिरो के दर्शन न कर ले उनकी यात्रा अधूरी है। सही समझे आप, हम बात कर रहे है, नागवासुकी और वेणी माधव मंदिर की।

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Famous Temple In Prayagraj: नागवासुकी मंदिर का इतिहास और महत्व

धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज के संगम तट से उत्तर दिशा की ओर दारागंज के उत्तरी कोने पर प्राचीन नागवासुकी मंदिर स्थित है। यह मंदिर नागों के राजा वासुकी नाग को समर्पित है। मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हुआ, तब नागराज वासुकी को रस्सी की तरह प्रयोग किया गया। मंथन के बाद वे घायल हो गए और भगवान विष्णु के कहने पर प्रयागराज में इसी स्थान पर आकर विश्राम किया। इसी कारण यह स्थान नागवासुकी मंदिर के रूप में प्रसिद्ध हुआ। लेकिन यह मंदिर सिर्फ पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध नहीं है, इसकी महिमा का अनुभव मुगल बादशाह औरंगजेब ने भी किया था।

कहते है की जब मुगल शासक औरंगजेब मंदिरों को नष्ट कर रहा था, तो उसने इस मंदिर को भी तोड़ने की कोशिश की। जैसे ही उसने मूर्ति पर भाला चलाया, दूध की धार फूट पड़ी, जिससे वह बेहोश हो गया। इस चमत्कार के बाद मंदिर की महिमा और भी बढ़ गई और इसकी प्रतिष्ठा दूर-दूर तक फैल गई। आज भी हर सावन मास और नाग पंचमी पर हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति के जीवन की सारी बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं।

Famous Temple In Prayagraj: वेणी माधव मंदिर का इतिहास और महत्व

प्रयागराज में एक और दिव्य स्थान है—वेणी माधव मंदिर। भगवान विष्णु का यह शालिग्राम विग्रह प्रयागराज के मुख्य देवता हैं और वे यहाँ वेणी माधव के रूप में विराजमान हैं। इसलिए, इसे 12 माधव मंदिरों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन्हें प्रयागराज में त्रिवेणी संगम की रक्षा के लिए स्थापित किया गया था। वेणी माधव मंदिर को मत्स्य पुराण, पद्म पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार प्रयागराज का मुख्य मंदिर माना जाता है।

Famous Temple In Prayagraj:
Famous Temple In Prayagraj: प्रयागराज के दो खास मंदिर, नागवासुकी और वेणी माधव मंदिर 2

Famous Temple In Prayagraj: किंवदंती के अनुसार, त्रेता युग में गजकर्ण दैत्य ने त्रिवेणी संगम की नदियों को निगल लिया, जिससे हाहाकार मच गया। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान विष्णु गरुड़ पर सवार होकर आए और गजकर्ण का वध किया, जिससे नदियाँ पुनः प्रवाहित हुईं। फिर वैकुंठ लौटते समय भक्तों की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने स्वयं को बारह रूपों में विभाजित कर संगम के चारों ओर स्थापित किया। इन्ही बारह रूपों में से सबसे प्रमुख वेणी माधव मंदिर है, जिसे प्रयागराज का पहला मंदिर माना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि संगम में स्नान का फल तभी पूर्ण होता है जब श्रद्धालु वेणी माधव के दर्शन कर लेते हैं। आज भी माघ मेले के दौरान हजारों भक्त पहले संगम में स्नान करते हैं और फिर वेणी माधव के दर्शन कर अपनी तीर्थ यात्रा को पूर्ण करते हैं।

इस प्रकार नागवासुकी और वेणी माधव मंदिर न केवल प्रयागराज की पौराणिक विरासत हैं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति के केंद्र भी हैं। इन मंदिरों के बिना प्रयागराज की यात्रा अधूरी मानी जाती है और श्रद्धालु यहाँ आकर आत्मिक शांति का अनुभव करते हैं।

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