Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को संपन्न हुआ। अब तीसरा और अंतिम अमृत स्नान 3 जनवरी को बसंत पंचमी के दिन होगा। इसके अलावा फरवरी में माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नान को भी अत्यंत शुभ माना जा रहा है। महाकुंभ के दौरान नागा साधु और उनका जीवन चर्चाओं का विषय है। कुंभ मेले के अलावा कभी भी नागा साधु इतनी बड़ी संख्या में एक साथ एकत्रित नहीं होते। आज हम आपको बता रहे हैं कि इस महाकुंभ में नागा साधु कब तक रहेंगे और इसके बाद कितन सालों के बाद एक साथ दिखेंगे।
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इसलिए है नागा साधुओं के लिए महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का नागा साधुओं के लिए बड़ा महत्व है। आत्मिक शुद्धिकरण के बाद ही एक नागा साधु कुंभ में डुबकी लगाता है, साथ ही कुंभ मेले के दौरान ही कई नागा साधुओं को दीक्षा प्राप्त होती है। साल 2025 में भी कई नागा साधु दीक्षित हुए हैं। नागा साधु महाकुंभ 2025 से पहले ही प्रयागराज पहुंच चुके थे और 14 जनवरी को नागा अखाड़ों ने पहला अमृत स्नान किया था। कुल तीन अमृत स्नान में भाग लेने नागा साधु महाकुंभ में पहुंचे थे।
Mahakumbh 2025: जानें किस दिन होगी नागा साधुओं की वापसी
प्रयागराज में चल रहे साल 2025 के महाकुंभ में बसंत पंचमी के स्नान के बाद नागा साधु अपने स्थानों पर वापस लौट जाएंगे। यानि 3 फरवरी को नागा साधुओं की महाकुंभ से वापसी होगी। इसके बाद कुछ नागा साधु अपने अखाड़ों में जाएंगे, वहीं कुछ नागा साधु वन और हिमालय की ओर जप-तप करने निकलेंगे।
फिर कब एक साथ नजर जाएंगे नागा साधु?
नागा साधु साल इस महाकुंभ के बाद अब नासिक में लगने वाले कुंभ के दौरान एक साथ नजर आएंगे। गोदावरी नदी के तट पर लगने वाला नासिक का कुंभ मेला 2027 में लगेगा। यानि 3 साल तक तप करने के बाद नागा साधु 2027 में एक साथ नासिक कुंभ में नजर आएंगे। नासिक कुंभ का भी अपना अलग महत्व है।