Maha Kumbh 2025:करोड़ो श्रद्धालुओं के प्रवेश के साथ शुरू हुआ यह महाकुंभ 2025 अपनी सुंदरता और भव्यता के लिए दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। मगर इसके साथ- साथ इस मेले में आये कुछ बाबाओ ने भी लोगों का ध्यान अपनी तरफ केंद्रित किया है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही बाबाओ के बारे में बताएँगे।
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आईटी वाले बाबा
इसमें सबसे पहले आते हैं IT वाले बाबा, जो आजकल सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहे है। इनका असली नाम अभय सिंह है। ये आईआईटी-बॉम्बे के पूर्व छात्र और पूर्व एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। अभय सिंह मूलरूप से हरियाणा के हैं और बचपन में मां पिता का झगड़ा देखने की वजह से उनके अंदर कई तरह का डर बैठ गए थे। आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद जब मन भटकता रहा, तो उन्होंने नौकरी की, कभी टीचिंग तो कभी विदेश चले गए। मगर जब कही मन नहीं लगा तो यह साधु बन गए। लोगों को इनका गणित और विज्ञान के माध्यम से अध्यात्म को समझने और समझने का तरीका बहुत पसंद आ रहा है।
रुद्राक्ष बाबा-Maha Kumbh 2025
वहीँ दूसरे है रुद्राक्ष बाबा, जो हर दिन 12 घंटे तक अपने सिर पर 45 किलो का रुद्राक्ष मुकुट पहनकर ध्यान लगाते हैं। इनका नाम गीतानंद महाराज है, जो अपने सर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण किए हैं, जिनका वजन 45 किलो है। बाबा ने बताया कि उनके माता-पिता को शादी के करीब 5 साल तक कोई संतान नहीं हुई। इसी बीच गांव में श्री शंभू पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के संन्यासी आया करते थे। परिवार ने एक बाबा को अपना गुरु बना लिया, उनसे दीक्षा ली। गुरु ने आशीर्वाद देते हुए माता-पिता से कहा था कि एक संतान तुम्हें हमें देनी होगी।
इसके एक साल बाद गीतानंद के माता-पिता को पहली संतान हुई। फिर दूसरी संतान के रूप में गीतानंद का जन्म हुआ, और दो साल बाद एक और बच्चे का जन्म हुआ। अपने वचन को याद रखते हुए माता-पिता ने ढाई साल के गीतानंद को अपने गुरु को दे दिया। रुद्राक्ष को लेकर बाबा बताते है कि उनका संकल्प सवा लाख रुद्राक्ष धारण करने का था, लेकिन भक्त देते गए और अब यह संख्या सवा दो लाख तक पहुंच चुकी है। बाबा सुबह 5 बजे स्नान करने के बाद इस मुकुट को सिर पर धारण करते है और शाम को 5 बजे मंत्रोच्चारण के साथ इसे नीचे रखते है।
एंबेसडर बाबा-Maha Kumbh 2025
Maha Kumbh 2025: तीसरे है एंबेसडर बाबा, जिनका नाम महंत राजगिरी है। 50 साल से ज़्यादा उम्र के और मध्य प्रदेश के इंदौर से ताल्लुक रखने वाले इस साधु ने कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इनकी खासियत यह है कि यह अपनी 1973 मॉडल की भगवा रंग की एंबेसडर कार में ही खाते, सोते और रहते हैं। यह कार पिछले 35 सालों से उनकी वफादार साथी है और अब तक यह चार कुंभ मेलों में शामिल हो चुके है।
कांटे वाले बाबा
फिर आते है रमेश कुमार मांझी जिन्हे लोग कांटे वाले बाबा के नाम से जानते है। यह पिछले 45 सालो से काँटों पर लेट रहे है। इनका कहना है कि यह सब ईश्वर कि कृपा है कि मैं पीछे 40 से 50 सालो से ऐसा कर पा रहा हु। उन्होंने आएगी कहा कि वो ऐसा करते है क्योकि उन्हें इन काँटों से चोट नहीं लगती, बल्कि आराम मिलता है। और इससे मिलने वाली दक्षिणा का आधा हिस्सा वो दान कर देते है।
एनवायरनमेंट बाबा
Maha Kumbh 2025:पर्यावरण बाबा के नाम से मशहूर आचार्य महामंडलेश्वर अरुणा गिरि ने भी महाकुम्भ में लोगों का ध्यान खींचा है। अगस्त 2016 से ही बाबा अपने भक्तों से पेड़ लगाने का आग्रह कर रहे हैं। 2016 में उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक 27 लाख पौधे बांटे थे। एक बातचीत में उन्होंने कहा, “करीब 30 देशों के मेरे भक्तों ने हमारे देश में 1 करोड़ से ज़्यादा पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। 2016 में वैष्णोदेवी से कन्याकुमारी तक पदयात्रा के दौरान हमने करीब 27 राज्यों में पेड़ लगाए थे। उसके बाद से ही भक्त मुझे पर्यावरण बाबा कहने लगे।
छोटू बाबा
Maha Kumbh 2025: इसी के साथ हाल ही में कुंभ में एक और बाबा की चर्चा हो रही है जिनकी उम्र सत्तावन साल है पर हाइट 3 फीट है यानि एक पांच से छह साल के बच्चे जितनी। कम हाइट की वजह से लोग इन्हे छोटू बाबा के नाम से बुलाते हैं। इनकी खास बात यह है की यह पिछले बत्तीस सालों से एक संकल्प के चलते नहाये नही है।