Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में इस समय महाकुंभ चल रहा है। महाकुंभ में दिन पर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। देश ही नहीं विदेशी से भी महाकुंभ में स्नान करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। महाकुंभ के चौथे गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को दिन 10 देशों से आई विदेशी मेहमानों की एक 21 सदस्यीय टीम भी यहां पहुंची है। विदेशी मेहमानों की टोली महाकुंभ के नजारे देख हैरान रह गई है। इसी टीम में यूएई की मुस्लिम महिला भी शामिल हैं और महाकुंभ के आयोजन को देखकर वह सरकार की जमकर तारीफ कर रही है।
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Mahakumbh 2025: यूएई की मुस्लिम महिला सैली हुई भावुक
प्रयागराज के महाकुंभ में गुरुवार को 10 देशों का प्र्तिनिधिमंडल पहुंचा। यहां उन्होंने पूरे महाकुंभ का दौरा किया। वह सभी पवित्र आयोजन की चकाचौंध देखकर दंग रह गए। इसी बीच उन्होंने कई अखाड़ों में जाकर साधु-संतों से मुलाकात की। (Mahakumbh 2025) इन्हीं में से एक यूएई की मुस्लिम महिला सैली एल अजाब इस पवित्र आयोजन को देखकर काफी भावुक हो गईं और उन्होंने इसकी जमकर तारीफ की। वह महाकुंभ की रौनक देखकर काफी आश्चर्यचकित हो गईं। उन्होंने इस आयोजन को दुनिया में एकता का संदेश बताया।
कहा, योगी सरकार ने सभी इंतजाम किए शानदार
यूएई से आई मुस्लिम महिला सैली एल अजाब ने महाकुंभ को लेकर कहा कि यह एक अद्भुत आयोजन है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है और यहां, सब कुछ दूसरे स्तर पर अच्छी तरह से व्यवस्थित है। (Mahakumbh 2025) सैली एल अजाब ने महाकुंभ में आने के बाद इसके धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी ली। सैली एल अजाब ने योगी सरकार की महाकुंभ आयोजन को लेकर जमकर तारीफ की। बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ के सभी इंतजाम काफी शानदार हैं और करोड़ों लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। सरकार ने महाकुंभ में सब कुछ बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित किया है।
अखाड़ों का दौरा किया, भारतीय संस्कृति के बारे में जाना
सैली एल अजाब ने आगे कहा कि महाकुंभ में डेढ़ महीने में 40 करोड़ लोग आएंगे। यह अद्भुत और अकल्पनीय है और वह इसके बारे में अपने देश में बताएंगी। यूएई की सैली एल अजाब के साथ टीम में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो के 21 प्रतिनिधि भी शामिल थे। इस बीच विदेशी दल के मेहमानों ने महाकुंभ में संगम तट और कई अखाड़ों का दौरा किया। उन्होंने साधु-संतों से मुलाकात कर महाकुंभ और भारतीय संस्कृति के बारे में जाना।
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