Saturday, January 11, 2025

Canada PM Election: कनाडा PM के लिए खालिस्तान विरोधी चंद्र आर्य की दावेदारी, जानें भारत के लिए मायने

Canada PM Election: जस्टिन ट्रूडो ने पद से इस्तीफा देने के बाद कनाडा में अब अपने नए प्रधानमंत्री के इंतजार में है। सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने अपना नया नेता चुनने के लिए अब 9 मार्च को नेशनल काउंसिल की अहम बैठक बुलाई है जिसमें वह अपना नया नेता चुनेगी। नए प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय मूल के 2 नेताओं समेत कई और नेता भी दावा ठोका है।

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इस समय सियासी हलचल के दौड़ से गुजर रहा है। साल 2015 में पीएम बने जस्टिन ट्रूडो ने विरोध झेलने के बाद अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। इसके बाद कई लोग पीएम पद की रेस में हैं। (Canada PM Election) इसमें अब भारतीय मूल के चंद्र आर्य ने भी मजबूती से अपनी दावेदारी ठोकी है। चंद्र आर्य के अलावा भारतवंशी अनीता आनंद भी पीएम पद की दौड़ में शामिल हैं।

तो चंद्र आर्य होंगे पहले हिन्दू पीएम

सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता चंद्र आर्य ओटावा से सासंद हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके अपने पीएम बनने की दावेदारी का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि मैं एक कुशल सरकार का नेतृत्व करने के लिए कनाडा का अगला पीएम बनने के लिए उपयुक्त हूं। अगर वह कनाडा के पीएम बनते हैं तो पहले ऐसे हिंदू होंगे जो कनाडा की सत्ता संभालेंगे। (Canada PM Election) वहीं भारतवंशी अनीता आनंद भी पीएम पद की दौड़ में शामिल है।

जानें कौन हैं भारतवंशी चंद्र आर्य

आपको बता दें कि चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुरु में हुआ है। वो धारवाड़ से एम.बी.ए. कर चुके हैं। भारत में MBA करने के बाद वो साल 2006 में कनाडा चले गए। (Canada PM Election) वो साल 2015 में पहली बार सांसद बने। साल 2019 में दूसरी बार सांसद चुने गए। शुरुआत में वो जस्टिन ट्रूडो के करीबी थे लेकिन जैसे ही भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ा तो उन्होंने ट्रूडो से दूरियां बढ़ा दी। लिबरल पार्टी के नेता चंद्र आर्य ओटावा से सासंद हैं।

खालिस्तानी के कट्टर आलोचक हैं आर्य

बता दें जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी रवैये से चंद्र आर्य नाराज हो गए और उनका साथ छोड़ दिया था। अब वह उनका विरोध कर रहे हैं। चंद्र आर्य खालिस्तानी गतिविधियों के कट्टर आलोचक हैं। हिंदू कनाडाई लोगों की आवाज बुलंद करने वाले आर्य खालिस्तानियों के खिलाफ अपनी पार्टी से भी उलझ चुके हैं। ब्रैम्पटन शहर में जब हिंदू मंदिर पर हमला किया गया तो वो सनातनियों के साथ खड़े हो गए थे।

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