Aam Aadmi Party News: आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। अरविंद केजरीवाल ने किदवई नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया कि एक महिला मतदाता चंद्रा का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। उन्होंने इसे अपने भाषण में मतदाताओं को गुमराह करने और अपनी सरकार की ओर ध्यान खींचने करने का जरिया बनाया।
केजरीवाल के इस दावे पर चंद्रा ने खुद प्रतिक्रिया दी। चंद्रा ने साफ कहा, “मेरा नाम कभी वोटर लिस्ट से नहीं कटा। मैंने हमेशा नियमित रूप से अपना वोट डाला है। मुझे नहीं पता कि केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा। हो सकता है उन्हें कोई गलतफहमी हुई हो।” चंद्रा ने यह भी जोड़ा कि शायद केजरीवाल ने किसी और महिला के बारे में बात की हो, लेकिन गलती से उनकी ओर इशारा कर दिया। चंद्रा के पति एम. रघु ने भी इस मामले में कहा, “हम दोनों का नाम हमेशा वोटर लिस्ट में था और है।”
मतदाता सूची पर भ्रम फैला रहे महाठग : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले पर आप से जवाब माँगा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा, “मतदाता सूची पर भ्रम फैला रहे महाठग को महिला ने दिया मुँहतोड़ जवाब। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एक सुसंगठित नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इस राष्ट्रविरोधी अभियान से ध्यान हटाने के लिए उन्होंने भाजपा पर पूर्वांचलियों के वोटर कार्ड रद्द करने का झूठा आरोप लगाया। उनकी चाल और झूठ दोनों ही पूरी तरह से उजागर हो चुके हैं। अब अरविंद केजरीवाल बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं अपने ही फैलाए जाल में!” यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने इस तरह के दावे किए हैं।
महिलाओं को 2100 रुपए देने का दावा भी निकला ‘गलत’
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को 2100 रुपए प्रति माह देने की घोषणा की थी और इसका रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया था। हालाँकि दिल्ली सरकार के ही विभाग ने साफ किया कि ऐसी कोई योजना अभी शुरू नहीं हुई है। बहरहाल, केजरीवाल के इन दावों से न केवल उनकी विश्वसनीयता पर असर पड़ा है, बल्कि यह भी दिखा है कि कैसे वह अपनी राजनीति को चमकाने के लिए ऐसे बयान देते हैं। चंद्रा और उनके पति के बयान ने साफ कर दिया कि यह घटना केवल एक राजनीतिक चाल थी। इस पूरे घटनाक्रम से यह बात साफ हो जाती है कि केजरीवाल की राजनीति केवल लोकलुभावन वादों और झूठे दावों पर आधारित है।