Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या शरणार्थियों को अवैध रूप से बसाने का मामला सामने आ रहा है। उनकी मदद करने के मामले में 6 गैर-सरकारी संगठन एनजीओ जांच के घेरे में है। ऐसा आरोप है कि विदेशों से धन प्राप्त हुआ था जिसके जरिए सैकड़ों रोहिंग्याओं का फर्जी आधार कार्ड और राशन कार्ड बनाया गया है।
Jammu & Kashmir: 180 से अधिक युवतियों की हुई शादी
जम्मू-कश्मीर में अभी तक 10 हजार से ज्यादा रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। इनमें से 6 हजार से ज्यादा लोग जम्मू में रह रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन एनजीओ ने न केवल रोहिंग्याओं के लिए आवास दिया। ब्लकि फर्जी दस्तावेज भी उपलब्ध कराये। वहीं इन्हें जम्मू में बसाने से पहले पश्चिम बंगाल, असम, बांग्लादेश और म्यांमार के रास्तों के जरिये जम्मू लाया गया और 180 से अधिक युवतियों की शादी स्थानीय निवासी से कराई गई। इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि ऐसी शादियां रणनीतिक रूप से कराई जाती है। जिससे शरणार्थी आसानी से घुल मिल जाएं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नजरों से बचा जा सकें।
हम उन्हें मरने नहीं दे सकते हैं- अब्दुल्ला
अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए रोहिंग्या बस्तियों में पानी और बिजली के कनेक्शन रोकने का फैसला किया है। इसको लेकर सीएम अब्दुल्ला और बीजेपी के बीच खींचतान शुरू हो गई है। बीजेपी नेता सुनील सेठी ने रोहिंग्याओं को निकालने की मांग की। वहीं अबदुल्ला ने कहा कि उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए और हम उन्हें मरने नहीं दे सकते हैं।