Syria: सीरिया में तख्तापलट होने के बाद हालात काफी तनावपू्र्ण हो गए है और राष्ट्रपति बशर अल-असद ने रूस में शरण ली है। रूसी राष्ट्रपति पुतीन का कहना है कि असद और उनके परिवार को मास्को में शरण दी गई है। विद्रोही समूह हयात तहरीर के प्रमुख अल बशर को पीएम नियुक्त किया जाएगा।
Syria: अमेरिका ने किया हमला
असद के देश छोड़ने के बाद अमेरिका और इजरायल ने भी सीरिया पर हवाई हमले किये है। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट को फिर से उभरने से रोकने के लिए आतंकियों के ठिकानों पर हमले किये गए है। दूसरी ओऱ इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन ने कहा कि यह हमले रासायनिक हथियारों की जगह पर किये गए है, ताकि उन्हें गलत हाथों में जाने से रोका जा सकें। वहीं, तुर्की ने भी ईस्ट अलेप्पो में कुर्द सेना पर हमला किया। इन सब पर भारत ने कहा कि सीरिया पर हमारी नजर है और हम वहां के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए शांति की अपील करते है।
अलकायदा का सदस्य था जुलानी
हयात के विद्रोहियों ने कहा कि वे महिलाओं पर किसी भी प्रकार का कोई भी ड्रेस कोड अपलाई नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही सीरिया में सभी समुदाय के लोगों के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता देने की बात कही है। विद्रोहियों के जनरल कमांड ने बताया कि महिलाओं के पहनावे में हस्तक्षेप करना किसी भी तरह की सख्ती पर प्रतिबंध है। बता दें कि अबू मोहम्मद के नेतृत्व में एचटीएस के विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया। इसके बाद से संगठन छवि को सुधारने में जुटा हुआ है। बता दें कि अबू मोहम्मद अल जुलानी कभी अल कायदा का सदस्य हुआ करता था। जुलानी दुनियाभर में खुद को सुधारवादी के रुप में पेश कर रहा है।
स्कूली बच्चों को अगवा किया
बशर शासन पिता हाफिज अल असद की विरासत पर आधारित था लेकिन वे कभी पिता की जगह नहीं ले पाए। लंदन में डॉक्टरी पढ़ रहे बशर 2000 में राष्ट्रपति बने तो उन्होंने हिंसा का सहारा लिया। 2011 में अरब क्रांति के बीच असद ने प्रदर्शन कुचलने के लिए स्कूली बच्चों को अगवा कर लिया। इन बच्चों को दमिश्क की कुख्यात खुफिया जेल में प्रताड़ित किया गया। इसके बाद बशर के खिलाफ गृहयुद्ध शुरू हुआ, जो अब उनके तख्तापलट के साथ खत्म हुआ।