Municipal body elections in Rajasthan: उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने इस बार बजट में ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ की घोषणा की थी। अब भजन लाल सरकार के नगर निकायों में प्रशासक की नियुक्ति कर इस संबंध में स्पष्ट संकेत दे दिया है। प्रदेश की 49 नगर निकायों के निर्वाचित बोर्ड का 25 नवंबर को कार्यकाल खत्म होने के साथ ही राज्य सरकार ने निर्वाचित बोर्ड के नए गठन होने तक इन सभी नगर निकायों में प्रशासक की नियुक्ति कर दी। इसका कारण है कि सरकार नए साल में ही निकाय चुनाव कराने के मूड में है। इससे पहले कांग्रेस राज में बनाए गए नए जिलों के पुनर्गठन पर भी निर्णय होना है, जो उप चुनाव के कारण नहीं हो पाया था। वहीं निकाय चुनावों से पहले शहरी सरकार का दायरा भी बढ़ेगा। इसके लिए जनसंख्या के हिसाब से वार्ड बनाए जाएंगे। परिसीमन के लिए शेड्यूल भी तय कर दिया गया है।
परिसीमन के लिए शेड्यूल तय
जनसंख्या स्लैब में बदलाव होने की वजह से इस बार वार्डों की संख्या का शतक लग सकता है। नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने से पहले सरकार को फैसला लेना था, लेकिन उप चुनाव की वजह से फैसला नहीं हो सका। ऐसे में अब जल्द इस मामले में फैसला होने की उम्मीद है।
इस तरह तय होगा वार्डों का गठन
पहले के 5 से 8 लाख जनसंख्या के स्लैब को बढ़ाकर इस बार 10 लाख तक कर दिया गया है। इसके आगे भी दो अलग-अलग स्लैब में बांटा गया है। पहले 8 से 10 और 10 से 15 लाख जनसंख्या का एक स्लैब था, लेकिन अब 10 से 13, 13 से 15, 15 से 25 और 25 से 35 लाख जनसंख्या का अलग-अलग स्लैब बनाया गया है। इसी आधार पर वार्डों का गठन होगा।
इन 49 निकायों में कार्यकाल हुआ खत्म
सीकर, नीम का थाना, खाटूश्यामजी, चूरू, राजगढ़, झुंझुनू, बिसाऊ, पिलानी, ब्यावर, पुष्कर, नसीराबाद, टोंक, डीडवाना, मकराना, बीकानेर, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, अलवर, भिवाड़ी, थानागाजी, महवा, फलोदी, जैसलमेर, बाड़मेर नगर परिषद, बालोतरा, सिरोही, माउंट आबू, पिंडवाड़ा, शिवगंज, पाली, सुमेरपुर, जालोर, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल, भरतपुर, रूपवास, उदयपुर, कानोड़, बांसवाड़ा, प्रतापपुरी गढ़ी, चितौड़गढ़, निंबाहेड़ा, रावतभाटा, राजसमंद, आमेट में निकायों का कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो चुका है।
पंचायतों के कार्यकाल को लेकर संशय
जनवरी 2025 में समाप्त हो रहे ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। इसे लेकर अभी सरकारी स्तर पर मंथन जारी है। अभी तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। जनवरी में 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। नए जिलों पर फैसले के बाद ही ग्राम पंचायतों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा। ऐसे में तब तक चुनाव टाले भी जा सकते हैं।
हर हाल में एक साथ होंगे चुनाव
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा कई बार कह चुके हैं कि राजस्थान में हर हाल में वन स्टेट वन इलेक्शन लागू किया जाएगा। कुछ दिन पहले भी मंत्री खर्रा ने कहा था कि उनका और सरकार का यही विचार है कि सभी निकायों में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत एक साथ चुनाव कराएं जाएं। राज्य सरकार की मंशा प्रदेश में 291 निकाय, 7 हजार पंचायतों में एक साथ चुनाव करवाने की है। चर्चा यह भी है कि राजस्थान सरकार अध्यादेश के जरिए वन स्टेट वन इलेक्शन पर फैसला कर सकती है।