Tuesday, November 26, 2024

Fastag in Rajasthan: राजस्थान स्टेट हाइवे के 172 टोल प्लाजा पर आरंभ हुआ फास्टैग सिस्टम

Fastag at toll plaza of state highway: राजस्थान सरकार ने स्टेट हाइवे पर लगे 186 टोल प्लाजा में से 172 टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा शुरू कर दी है। आगामी एक सप्ताह में 8 और टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा शुरू कर दी जाएगी। प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रवीण गुप्ता ने बताया कि बहुत कम समय में राजस्थान के टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टॉलेशन का कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से भी कम समय में प्रदेश के 131 टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टालेशन का काम पूरा कर लिया गया, जिसके बाद यह सुविधा शुरू की गई।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

फास्टैग सुविधा की उपलब्धता से वाहन तेज गति से टोल बूथ से गुजर सकेंगे, जिसके कारण ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इस कदम से राज्य की सड़कों पर टोल वसूली का सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी हो जाएगा, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं को भी बेहतर अनुभव होगा।

स्टेट हाइवे पर 186 टोल प्लाजा

प्रदेश में स्टेट हाइवे पर 186 टोल प्लाजा संचालित हैं। इनमें से आरएसआरडीसी की ओर से संचालित 39 सड़कों पर 107 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 103 टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा शुरू की जा चुकी है। शेष 4 पर आगामी एक सप्ताह में फास्टैग सुविधा शुरू करवा दी जाएगी। वहीं, राजस्थान राज्य सड़क प्राधिकरण (आरएसएचए) की ओर से संचालित 22 सड़कों पर 40 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 36 टोल प्लाजा पर यह सुविधा उपलब्ध है और शेष 4 पर आगामी एक सप्ताह में फास्टैग सुविधा शुरू करवा दी जाएगी। वहीं सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से संचालित स्टेट बीओटी के तहत 8 टोल प्लाजा में से 2 पर फास्टैग की सुविधा शुरू की जा चुकी है।

फास्टैग से पारदर्शिता बढ़ेगी

प्रमुख शासन सचिव ने बताया मानव संसाधन ठेकेदारी वर्तमान में विशेष टेंडरों में लागू की जा रही है, जहां पिछली दो या तीन बोली प्रक्रियाओं के बाद किसी भी बोलीदाता को नहीं मिल पाया है। इसके अतिरिक्त मौजूदा टोल ऑपरेटर इन टोल प्लाजा को विस्तार के आधार पर चला रहे हैं। इन पुराने ऑपरेटरों के साथ एक प्रमुख समस्या यह है कि वे फास्टैग सिस्टम का उपयोग करने में रुचि नहीं दिखा रहे। इस सिस्टम के लागू होने के बाद यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि राजस्व संग्रह वास्तविक यातायात के हिसाब से हो और किसी भी तरह के मैन्युअल गिनती या ऑपरेटर की अक्षमता के कारण उत्पन्न हुई असंगतताओं को ठीक किया जा सके।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article