Balochistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बढ़ते विद्रोह और आतंकी हमले ने पाकिस्तान की सेना और शहबाज सरकार को संकट में डाल दिया है। क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए हमले में 26 लोगों की मौत, जिसमें सेना के 14 जवान शामिल थे। इस हमले ने पाकिस्तान पर कई सवाल खड़े किये है। पाकिस्तान आर्मी बलूचिस्तान में सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। सैन्य खेमें में इसको बात को लेकर बहस छिड़ी हुई है। वहीं स्थानीय लोग सेना की भारी मौजूदगी और दमनकारी नीतियों से असंतुष्ट हैं।
Balochistan: 2023 में 110 हमले हुए
गृह मंत्रालय और सेना अब सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने और राजनीतिक संवाद के जरिए समाधान खोजने पर विचार कर रही हैं। बता दें कि 9 महीने के अंदर बलूचिस्तान पर 245 आतंकी हमले हो चुके है। 2023 में पूरे साल कुल 110 आतंकी घटनाएं सामने आई थी। सूत्रों के अनुसार, पाक में राजनीतिक अस्थिरता और अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से इन समूहों को नई सैन्य क्षमताएं मिली हैं, जिससे हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद विद्रोही समूहों को नई सैन्य क्षमताएं और हथियार मिले हैं, जिससे स्थिति और खराब हुई है।
सेना और सरकार में बना मतभेद
सेना के अंदर भी बलूचिस्तान में सैन्य कार्रवाई जारी रखने या रोकने को लेकर मतभेद हैं। सैन्य अभियान की आलोचना करने वाले इसे न केवल विफल मानते हैं, बल्कि कहते हैं कि इससे स्थानीय असंतोष और बढ़ा है। इस स्थिति का समाधान राजनीतिक संवाद, स्थानीय नेतृत्व की भागीदारी और बलूचिस्तान के संसाधनों में स्थानीय लोगों के अधिकार सुनिश्चित करने से ही संभव है। अगर यह नहीं किया गया, तो विद्रोह और हिंसा का यह सिलसिला पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता के लिए और बड़ा खतरा बन सकता है।