Ramkatha of Rambhadracharya in Jaipur: किसी भी संत को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। जब रामलला को ला सकते हैं तो मथुरा और काशी के ज्ञानवापी को भी लाकर दिखाएंगे। ये कहना है कथावाचक जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का। छोटी काशी जयपुर में हो रही श्री राम कथा के पांचवे दिन सोमवार को रामभद्राचार्य महाराज ने ताड़का वध और राम विवाह की लीला का प्रसंग सुनाते हुए इस ज्वलंत मुद्दे पर भी अपना विचार व्यक्त किया। साथ ही कहा कि इस बार कुंभ में कुछ ऐसा करेंगे कि पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जाएगा।
‘रेवासा पीठ की दुर्दशा नहीं होने देंगे’
राम कथा में पहुंचे श्रोताओं को संबोधित करते हुए रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि उनसे कुछ भूल हो जाती है, वो बाद में हानिकारक हो जाती है। वो कठोर कहने के लिए बदनाम हैं, लेकिन फिर भी ये कहेंगे कि किसी भी संत को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। जब रामलला को ला सकते हैं तो मथुरा और काशी के ज्ञानवापी को भी लाकर दिखाएंगे। राष्ट्र की चिंता एक संत ही कर सकता है। रेवासा पीठ की दुर्दशा नहीं होने देंगे। रेवासा में जो हुआ वो परंपरा के विरुद्ध है।
‘गांधी परिवार और विधर्मियों का नहीं है यह देश’
रामभद्राचार्य ने कहा कि ये देश गांधी परिवार का नहीं है। ये राष्ट्र हमारा है, सनातनियों का है। विधर्मियों का नहीं है। इस बार कुंभ में हम कुछ ऐसा करेंगे कि विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जाएगा।
‘नरेंद्र मोदी ही चौथी बार पीएम बनें, ऐसी मेरी इच्छा’
उन्होंने कहा कि चित्रकूट धाम में वो 6 दिसंबर को संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करेंगे। अब सांस्कृतिक आंदोलन होकर रहेगा। भारत में गौ हत्या बंद करवा कर रहेंगे। हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाएंगे। अब हम सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते। हमारे प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार नरेंद्र मोदी ही बनें, ऐसी मेरी इच्छा है।