Wednesday, November 13, 2024

Jaipur: पाकिस्तान से वापस लेंगे Pok, इसके लिए हनुमानजी को डालेंगे सवा करोड़ आहुति : रामभद्राचार्य

Ramkatha of Rambhadracharya in Jaipur: जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने जयपुर में शुक्रवार को रामकथा के दौरान कहा कि पाकिस्तान द्वारा हड़पा हुआ कश्मीर हमें वापस मिले, इसके लिए हम हनुमान जी को सवा करोड़ आहुति डालेंगे और इसमें जयपुर का सहयोग चाहिए। रामभद्राचार्य इन दिनों जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रामकथा कर रहे हैं। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से उन्होंने कहा कि ‘भारतीय संस्कृति के लिए जहां भी आवश्यकता हो सरकार मेरा उपयोग करे, मैं ऑनलाइन पढ़ाऊंगा।’

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

‘भारतीय संस्कृति के लिए जहां जरूरत हो मैं तैयार’

रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा हड़पा हुआ कश्मीर हमें वापस मिले, इसके लिए हम सवा करोड़ आहुति हनुमान जी को डालेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से विजय चाहिए तो जयपुर का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्यपाल के कार्यकाल में राजस्थान सरकार 6 से 12वीं कक्षा तक वेद की शिक्षा देना चाहती है। इसकी जानकारी मिली है, इसलिए सरकार को लगे तो भारतीय संस्कृति के लिए जहां भी आवश्यकता हो सरकार उनका उपयोग करे, वो ऑनलाइन पढ़ाएंगे। उन्हें डेढ़ लाख वेद मंत्र याद हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय परंपरा और संस्कृति को लेकर भी चर्चा की।

‘दादा जी को दिए 3 वचनों में एक है लक्ष्य ज्ञान के लिए’

उन्होंने कहा कि उनके दादा ने उनसे कहा था कि श्रीराम या श्रीकृष्ण की कथा करोगे तो उसके लिए यजमान से धन नहीं लोगे। उन्होंने तीन वचन दिए, पहला श्रीराम कथा का धन खुद के लिए नहीं लेंगे। दूसरा गृहस्थ आश्रम में लौटकर नहीं आएंगे और तीसरा उनका लक्ष्य स्थान की महंताई नहीं, ज्ञान की प्राप्ति के लिए होगा।

राज्यपाल ने की भारतीय परंपरा और संस्कृति पर चर्चा

इस दौरान राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कथा में पहुंचकर रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लिया और कथा सुनी। उन्होंने स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को महान संत बताते हुए उनके तप और अध्ययन की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि मुगलकाल में अत्याचारियों ने देश की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन रामभद्राचार्य जैसे संतों की परंपरा और ज्ञान से ही भारत की संस्कृति आज भी बची है। राज्यपाल ने स्वामी रामभद्राचार्य से आध्यात्म की भारतीय परंपरा और संस्कृति पर भी चर्चा की।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article