NCPCR Chairman’s recommendation regarding madrassas: राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने मदरसों को राज्य सरकारों द्वारा मिलने वाले फंड को बंद करने की सिफारिश की है। इस बावत उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में प्रियांक ने मदरसों के बारे में NCPCR की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। 11 सितंबर 2024 को जारी इस पत्र में प्रियांक कानूनगो ने गैर मुस्लिम छात्रों को मदरसों से निकाल कर सरकारी स्कूलों में भर्ती कराने की जरूरत पर भी जोर दिया है।
सभी बच्चों के भविष्य के लिए अनुकूल माहौल बनाएं
अपने पत्र में प्रियांक कानूनगो ने सिफारिश की है कि प्रदेश सरकारों द्वारा मदरसों को दिए जाने वाले आर्थिक मदद पर रोक लगाई जाए। इसी के साथ राज्य में चल रहे मदरसा बोर्डों को भी बंद किया जाए। इन सिफारिशों के साथ मदरसों में पढ़ने वाले सभी गैर मुस्लिम छात्रों को चिन्हित करते हुए सरकारी स्कूलों में भर्ती करवाने के लिए भी कहा गया है। प्रियांक कानूनगो के मुताबिक ऐसा रोडमैप बनाया जाए जो देश के सभी बच्चों के भविष्य के लिए अनुकूल माहौल बनाए।
लिखा, उनकी सिफारिशें कारगर साबित होंगी
पत्र के अंत में प्रियांक कानूनगो ने उम्मीद जताई है कि उनकी सिफारिशें देश को और बेहतर बनाने की दिशा में कारगर साबित होंगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से पत्र पर गौर कर के जरूरी कार्रवाई के लिए आगे निर्देशित करने को कहा है। पत्र में ‘आस्था के संरक्षक या अधिकारों के उत्पीड़क: बच्चों के संवैधानिक अधिकार बनाम मदरसे’ नाम की जिस रिपोर्ट का प्रियांक कानूनगो ने हवाला दिया है उसे वो जल्द ही सार्वजानिक कर सकते हैं।