Software development: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। AI और Globalization के कारण न सिर्फ कोडिंग की प्रक्रिया आसान हुई है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की मांग बढ़ी है। वहीं 2022 में Chat GPT की शुरूआत के बाद से कई कंपनियों ने एआई के यूज को और बेहतर करने की कोशिश की है।
Software development: 40% डेवलपर्स करते AI का यूज
एक सर्वे के अनुसार 40 प्रतिशत डेवलपर्स AI का इस्तेमाल करते है, जिसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की संख्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुकी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि एआई की वजह से सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की नौकरियां खत्म हो जाएंगी। सर्वे में खुलासा किया गया है कि एशिया में 2029 तक सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की मांग 21 प्रतिशत, अमेरिका 13 और यूरोप में 9 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इसलिए कंपनियां आउटसोर्सिंग के लिए भारत पर ज्यादा ध्यान दे रही है। वहीं दूसरी तरफ बात की जाएं तो एआई से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की Problems और budget कम हो रही है, जिससे कंपनियों को काम में मदद मिल रही है। फ्यूचर में AI उन कामों को संभालेगा जो डेवलपर्स के लिए बोरिंग होते हैं।
AI कोडिंग में गिरावट
एआई डेवलपमेंट को आसान बना रहा है, लेकिन इससे कुछ चुनौतियां भी उभरी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, एआई की मदद से बनाए गए कोड की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसके अलावा, सुरक्षा से जुड़ी समस्या भी सामने आई है। अगले कुछ सालों में एआई तकनीक में और सुधार की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स के लिए अधिक जटिल समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी। इंटरनेट की तरह, एआई भी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बना रहा है। को पायलट नामक एआई टूल, अब तक 20 लाख लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर टैलेंट हब बन सकता है।