Jal Jeevan Mission: सरकार ने जल जीवन मिशन योजना 2019 में शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य था हर घर पीने का शुद्ध पानी, लेकिन जल जीवन मिशन योजना अधूरे में लटकी हुई है। पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए मार्च 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा था। जब इस योजना की शुरुआत हुई तब देशभर में 3.24 करोड़ परिवारों तक ही नल से जल की सुविधा उपलब्ध थी। बीते पांच सालों में इसके तहत 15.15 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। यह कुल प्रयोग आबादी का करीब 78% है।
Jal Jeevan Mission: 4.18 करोड़ परिवार बाकी
बता दें कि पानी की कमी वाले इलाकों में अभी भी 4.18 करोड़ परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंचना बाकी है। इनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड जैसे इलाके प्रमुख हैं। दरअसल, इन इलाकों तक पानी पहुंचाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। केंद्रीय फंड की कमी और पहले से हो चुके काम का भुगतान न होने के कारण यह योजना अधर में अटक गई है।
बढ़ाया गया बजट
जल जीवन मिशन योजना का कुल व्यय 3.60 लाख करोड़ रुपये था। इसमें केंद्रीय हिस्सेदारी 2.08 लाख करोड़ और राज्य की 1.52 लाख करोड़ रुपए रखी गई थी, लेकिन इस बजट को बढ़ाकर 8.33 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया। जोकि पहले के बजट से दोगुना है। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 4.33 लाख करोड़ और राज्यों की 4.00 लाख करोड़ है। गौरतलब है कि शुरुआत में कुछ ऐसे इलाके थे। जहां भू-जल उपलब्ध था, तो बजट की जरूरत कम थी। अब शेष इलाकों में काम चुनौतीपूर्ण है। इसलिए बजट की ज्यादा जरूरत है। फंड की कमी से काम धीमा हो गया है।