Friday, September 20, 2024

One Nation, One Election: ‘एक देश-एक चुनाव’ पर 32 पार्टियां सपोर्ट में, 15 का विरोध, जानें किस दल का क्या रुख

Must read

‘One Nation, One Election’ in India: मोदी 3.0 के 100 दिन पूरे हुए तो सरकार का तूफानी स्टैंड आ गया। अब वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सरकार की कोशिशें अपनी जगह हैं और विपक्ष के सवाल अपनी जगह। इसमें कोई शक नहीं कि वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने में चुनौतिया हैं, लेकिन ऐसी कोई चुनौती नहीं जिसे देश के फायदे के लिए मात नहीं दी जा सके।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की संभावएं तलाशने के लिए मोदी सरकार ने कोविंद कमेटी का गठन किया था। 18 सितंबर, 2024 को मोदी कैबिनेट ने उस कमेटी के प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है। अब मुमकिन है कि शीतकालीन सत्र में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर संसद में बिल लाया जाए और अगर बिल पास होता है, तो 2029 से पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं।

62 दलों से ली गई राय, 15 ने नहीं दिया जवाब

समिति ने एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए 62 सियासी दलों से राय ली थी। इन राजनीतिक दलों में से 32 ने समर्थन, 15 ने विरोध और 15 ने इस पर जवाब देने से इनकार कर दिया था। जेडीयू ने जहां बिल का समर्थन किया है, तो वहीं चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने मामले में अपनी राय नहीं दी है। इतना ही नहीं मायावती ने इसका समर्थन किया है।

समर्थन करने वाली पार्टियां

समर्थन करने वालों में सबसे ऊपर शामिल बीजेपी है. जिसके बाद नेशनल पीपल पार्टी, अपना दल (एस), ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन, असम गण परिषद, बीजू जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), मिजो नेशनल फ्रंट, जेडीयू, राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी, युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ऑफ असम, शिवसेना, तेलगू देशम पार्टी, एआईएडीएमके और अकाली दल जैसी अन्य पार्टियां शामिल हैं।

किस-किस पार्टी ने किया विरोध?

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर देश की 4 राष्ट्रीय पार्टियों ने विरोध जताया, जिनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) शामिल हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, नागा पीपुल्स फ्रंट, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिवसेना यूबीटी, एनसीपी (शरद पवार) जैसी पार्टियां शामिल हैं।

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ लागू करने में चुनौतियां

मोदी 3.0 के 100 दिन पूरे हुए तो सरकार का तूफानी स्टैंड आ गया। अब वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सरकार की कोशिशें अपनी जगह हैं और विपक्ष के सवाल अपनी जगह। इसमें कोई शक नहीं कि वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने में चुनौतियां हैं, लेकिन ऐसी कोई चुनौती नहीं जिसे देश के फायदे के लिए मात नहीं दी जा सके।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article