Thursday, September 19, 2024

Anant Chaturdashi 2024: क्यों है अनंत चतुर्दशी का महाभारत से संबंध

Must read

Anant Chaturdashi 2024: हिंदू धर्म के अनुसार अनंत चतुर्दशी का पर्व विशेष महत्व रखता है। इसमें भगवान विष्णु के कई रुपों की पूजा की जाती है। इसलिए इसे लोग अनंत चौदस के नाम से भी जानते है। इस दिन गणेशोत्सव के समापन के साथ ही उनकी मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Anant Chaturdashi पर होती भगवान विष्णु की पूजा

अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि मंगलवार 17 सितंबर 2024 को पड़ रही है। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 सितंबर दोपहर 03:10 से शुरू हो चुकी है, जिसका समापन 17 सितंबर को सुबह 11:44 पर होगा। इसी के साथ ही 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी की पूजा की जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने वाले जातकों के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है, लेकिन चतुर्दशी के पर्व का खास महत्व 14 गांठ वाले अनंत सूत्र, महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, तो चलिए आपको बताते है।

Anant Chaturdashi पर युधिष्ठिर ने की पूजा

अनंत चतुर्दशी का महाभारत से खास संबंध है। इसकी शुरुआत महाभारत काल से मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि जब पांडव जुए में कौरवों से हार गए थे तो इसके बाद उन्हें अपने राजपाट का त्याग कर के कष्ट झेलना पड़ा था। इस कष्ट से मुक्ति पाने के लिए युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से राजपाट वापस पाने का उपाय पूछा। श्रीकृष्ण ने कहा, हे युधिष्ठिर! तुम सभी जन विधिपूर्वक अनंत भगवान का व्रत रखकर पूजा करो। इस पर उन्होंने पूछा अनंत कौन है। श्रीकृष्ण ने कहा- अनंत भगवान श्रीविष्णु के ही रूप हैं। इनकी पूजा करने से ही पूरा साम्राज्य वापस मिल जाएगा। कृष्ण के कहने पर उन्होंने पूजा किया और उन्हें अपना साम्राज्य वापस मिल गया।

Anant Chaturdashi पर 14 गांठ का सूत्र बांधने का महत्व

अनंत चतुर्दशी की पूजा में 14 गांठ वाला एक सूत्र बांधने का महत्व है। यह धागा रेश्म या कपास का बना होता है। जिसे बाजू में बांधा जाता है। इस सूत्र को विष्णु जी के 14 रूप (अनंत, ऋषिकेश, पद्मनाभ, माधव, वैकुण्ठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, नारायण, दामोदर और गोविन्द) का प्रतीक माना जाता है। 14 लोक की रचना के बाद इसके पालन और संरक्षण के लिए भगवान विष्णु इन्हीं रूपों में प्रकट हुए थे।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article