Decision on newly formed districts of Rajasthan soon: कांग्रेस की गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित मंत्रियों की कमेटी ने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। यह कमेटी राजस्थान उप चुनावों के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसी माह नवंबर में सरकार छोटे जिलों को बरकरार रखने या उन्हें खत्म करने पर निर्णय लेगी। मीडिया सूत्रों के अनुसार कमेटी के कई मंत्रियों ने इस ओर स्पष्ट संकेत दे दिए हैं।
कमेटी का मानना है कि जिन जिलों के मापदंड पूरे नहीं होते उन्हें अन्य जिलों में मिलाया जाना चाहिए। ऐसे में कमेटी की ओर से सीएम अशोक गहलोत के कार्यकाल में बने 5-6 छोटे जिलों को समाप्त करने की सिफारिश की जा सकती है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस मामले में कहा है कि भाजपा सरकार की जिम्मेदारी यह है कि वह नवगठित जिलों और संभागों की आधारभूत संरचना सुदृढ़ करने की दिशा का रोडमैप तैयार करे और चर्चा करने लिए विधानसभा सत्र बुलाए।
इन छोटे जिलों पर उठे थे प्रश्न
विधानसभा क्षेत्र जितने छोटे जिलों पर खतरा गहलोत सरकार के समय बनाए गए छोटे जिलों जैसे दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी पर प्रश्न उठे थे। इनमें से कई जिलों का क्षेत्रफल उपखंड जितना ही है। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने भी इन जिलों के निर्माण पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार गहलोत सरकार की ओर से बनाए गए नए जिले गंगापुर सिटी, सांचोर, केकड़ी और दूदू को खत्म कर इन्हें दूसरे जिलों में विलय किया जा सकता है।
यहां विवाद के कारण बदलना पड़ा था संयोजक
रिव्यू कमेटी के पहले संयोजक डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा थे, जो दूदू से विधायक हैं। दूदू को जिला बनाने पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे। बैरवा को इस कारण संयोजक पद से हटाकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को जिम्मेदारी दी गई, जिससे संकेत मिलता है कि दूदू का विलय हो सकता है। विरोध और प्रदर्शन छोटे जिलों को खत्म करने के प्रस्ताव के खिलाफ पहले ही गंगापुर सिटी और सांचौर जैसे क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। इस फैसले के चलते आगे भी राजनीतिक विवाद होना तय है।
31 दिसंबर से पहले करना होगा निर्णय
सरकार को जिलों के पुनर्गठन और छोटे जिलों के विलय पर फैसला 31 दिसंबर से पहले करना होगा, क्योंकि इसके बाद नई प्रशासनिक इकाइयों के निर्माण और सीमाओं में बदलाव पर रोक लग जाएगी। पहले 1 जुलाई से सीमाएं फ्रीज होनी थीं, लेकिन सीएम भजनलाल शर्मा के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध पर इसे 31 दिसंबर तक बढ़ाया गया था।