पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है। तारकेश्वर इलाके में चार साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है।
रात में अपनी दादी के साथ मच्छरदानी के नीचे सो रही बच्ची को एक दरिंदे ने मच्छरदानी काटकर उठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची को खून से लथपथ हालत में रेलवे स्टेशन के पास फेंक दिया गया। फिलहाल बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: मच्छरदानी काटकर सोती हुई बच्ची का अपहरण
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: यह भयावह घटना तारकेश्वर रेलवे स्टेशन के पास की है। बंजारा समुदाय की यह बच्ची अपनी दादी के साथ खुले आसमान के नीचे चारपाई पर मच्छरदानी के अंदर सो रही थी। रात करीब चार बजे के आसपास एक अज्ञात व्यक्ति ने मच्छरदानी काटी और बच्ची को उठा ले गया।
सुबह जब दादी की नींद खुली तो मासूम गायब थी। पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। परिजनों ने इधर-उधर खोजबीन की, लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चला। दोपहर करीब बारह बजे बच्ची तारकेश्वर रेलवे हाई ड्रेन के पास खून से लथपथ, अचेत अवस्था में मिली। उसे तुरंत तारकेश्वर ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि हालत बेहद गंभीर है।
बच्ची की दादी ने रोते हुए कहा, “वो मेरे पास ही सो रही थी, पता नहीं कब कोई मच्छरदानी काटकर उसे उठा ले गया। जब से हमारे घर तोड़े गए हैं, हम सड़कों पर रह रहे हैं। अब कहां जाएं, कौन सुनेगा हमारी बात?”
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: पुलिस जांच में देरी और लोगों का गुस्सा
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: घटना के बाद पुलिस ने तुरंत POCSO एक्ट और बलात्कार की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।
स्थानीय लोगों ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते इलाके में नाकाबंदी और तलाशी अभियान चलाया होता, तो अपराधी पकड़ा जा सकता था।
लोगों ने यह भी कहा कि बच्ची के परिवार को आर्थिक मदद और सुरक्षा की जरूरत है, क्योंकि वे कई दिनों से बेघर हैं और खुले में रह रहे हैं।
विपक्ष का हमला — “ममता सरकार अपराध पर पर्दा डाल रही है”
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: इस घटना ने राज्य की राजनीति को भी हिला दिया है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“तारकेश्वर पुलिस अपराध को दबाने में व्यस्त है। यह ममता बनर्जी के बेलगाम शासन का असली चेहरा है। एक बच्ची की ज़िंदगी तबाह हो गई, और पुलिस झूठी छवि बचाने में लगी है।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पूरी तरह खत्म हो चुकी है और सरकार सिर्फ प्रचार में लगी हुई है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी #JusticeForTarkeshwarGirl ट्रेंड कर रहा है।
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: समाज और सिस्टम दोनों पर सवाल
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए आईना है। जब एक बच्ची अपनी दादी के पास भी सुरक्षित नहीं है, तो सवाल सिर्फ अपराधी पर नहीं बल्कि सिस्टम पर भी उठता है।
ग़रीबी, बेघरपन और सुरक्षा की कमी ने इस परिवार को असहाय बना दिया। लोगों का कहना है कि जब तक पुलिस, प्रशासन और समाज एकजुट होकर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देंगे, ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
इंसाफ की उम्मीद
पश्चिम बंगाल फिर शर्मसार: वर्तमान में बच्ची अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। परिवार सदमे में है और इंसाफ की मांग कर रहा है। लोगों का कहना है कि अपराधी को जल्द से जल्द सज़ा मिलनी चाहिए ताकि यह घटना किसी और परिवार के साथ न दोहराई जाए।
यह मामला सरकार और पुलिस दोनों के लिए एक कड़ी परीक्षा है। यह सिर्फ एक बच्ची की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा का सवाल है — कब तक मासूम इस तरह की दरिंदगी का शिकार बनते रहेंगे?

