पौराणिक समय से ही शादी का समय रात रहा है। इसके पीछे के बड़ा कारण है।
मान्यता है कि अगर शादी के सात फेरे ध्रुव तारे को साक्षी मानकर लिए जाते हैं तो फिर रिश्ता जन्मों तक हो जाता है।
बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में ध्रुव तारे को स्थिरता का प्रतीक माना गया है। इसलिए फेरों के बाद इसे देखा जाता है।
और तारे हमेशा रात के समय ही नजर आते हैं।
ऐसा भी कहा जाता कि विवाह अगर ध्रुव तारे को दिखकर हुआ है, तो आपका वैवाहिक जीवन सुखमयी हो जाता है और रिश्ते में मधुरता भी आती है।