ताजमहल को उसकी खूबसूरती और भव्यता के लिए जाना जाता है। इसके लिए 320 किलोमीटर दूर से मकराना से संगमरमर मंगवाया गया।
ताजमहल को बनाने में करीब 22 साल का लगे। इसे 20 हजार मजदूरों ने मिलकर तैयार किया था।
शाहजहां की जीवनी 'शाहजहां द राइज़ एंड फॉल ऑफ द मुगल एम्परर' में लिखा है, इसे बनाने वाले अधिकतम हिन्दू मजदूर उत्तर प्रदेश के कन्नौज से आए थे।
शाहजहां की जीवनी लिखने वाले फर्गुस निकोल लिखते हैं कि ताजमहल में फूलों की नक्कासी बनाने के लिए पोखरा के कारीगर आए थे।
ताजमहल का निर्माण करने के लिए पत्थर काटने वाले, राजमिस्त्री, चित्रकार, बढ़ई और गुंबद बनाने वाले कारीगरों को बुलाया गया था।
ताजमहल के निर्माण के लिए शाहजहां ने हिन्दुस्तान के अलावा ईरान समेत कई देशों से मजदूर बुलाए गए थे।
शाहजहां ने एशिया के अलग-अलग देशों से 40 तरह के रत्न मंगवाए और इसे ताजमहल में जड़वाया।