हमारे भारत में कई ऐसी नदियां हैं जिन्हें पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। जैसे गंगा, यूयमुना, नर्मदा गोदावरी। इन सभी नदियों की पूजा तक की जाती है।
लेकिन क्या आपको पता यहां एक ऐसी नदी भी जिसका पानी तक छूने से लग डरते हैं, इसकी एक बूँद भी लोग छूना नहीं चाहते हैं।
ये नदी है कर्मनाशा जो कि उत्तर प्रदेश में स्थित है। ये नदी यूपी के सोनभद्र और बिहार के कैमूर से होकर गुजरती है।
इस नदी का का नाम ही है "कर्मनाशा"। ये दो शब्दों को जोड़कर बनाया जाता है। वो शब्द है कर्म और नाश यानि कर्मों का नाश। इस नदी को लेकर डर का सबसे कारण है इस से जुडी पौराणिक कथाएं।
कथाओं में कहा गया है कि इस नदी में नहाने से ये इसे छूने भर से पाप नष्ट हो जाते हैं।
कहा जाता है त्रिशुंक नाम का राजा था जिसे देवताओं ने स्वर्ग और नर्क दोनों देने से मना कर दिया था। इस कारण ये पृथ्वी के बीच में ही लटक गए थे।
कई सालों तक राजा लटके ही रहे। इसके बाद एक दिन उनकी लार धरती पर गिर गयी। इस ही लार से इस नदी का जन्म हुआ जिसका नाम पड़ा कर्मनाशा नदी।
कई सालों तक राजा लटके ही रहे। इसके बाद एक दिन उनकी लार धरती पर गिर गयी। इस ही लार से इस नदी का जन्म हुआ जिसका नाम पड़ा कर्मनाशा नदी।
तब ही से ऐसी मान्यता है कि इस नदी के पानी को छूने से या इसमें नहाने से सभी कर्मों का नाश हो जाता है।
इन कहानियों को लेकर लोगों में पूर्ण विश्वास है, लेकिन अगर साइंस के दृष्टिकोण से इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।