25 जून 1975 लोकतंत्र का सबसे काला दिन। आज से 4 दशक पहले रेडियो पर ऐेलान हुआ आपताकाल का और ये खबर पूरे मुल्क में आग की तरह फैल गई।
इमरजेंसी के दौरान विपक्ष के सारे नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया था। जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और जयप्रकाश नारायण जैसे कई दिग्गज नेताओं की गिरफ्तारी हुई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा कहा गया है कि चुनाव अमान्य था और इंदिरा गांधी को अगले 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था, जिसकी वजह से उन्होंने पूरे देश में इमरजेंसी लागू कर दी।
1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। वह खुद भी बड़े मार्जिन से जीती थीं। खुद इंदिरा गांधी की जीत पर सवाल उठाते हुए उनके चुनावी प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने 1971 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर इंदिरा गांधी के सामने रायबरेली लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले राजनारायण ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है। मामले की सुनवाई हुई और इंदिरा गांधी के चुनाव को निरस्त कर दिया गया।
इमरजेंसी में लोगों को जबरदस्ती पकड़कर नसबंदी कराई जा रही थी। इस दौरान हजारों लोगों की मौत हो गई। वहीं प्रेस फ्रीडम पर भी सरकार ने अपने ठेकेदार बैठा रखे थे। जिनके इजाजत के बिना अखबार में कुछ भी छप नहीं सकता था।