क्यों इस्कॉन मंदिर का रंग सफ़ेद है, जानिये

नवी मुंबई में पीएम मोदी ने इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन किया है। ये एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है।

अगर आपने ध्यान दिया तो इस्कॉन के लगभग सारे मंदिर ही सफ़ेद रंग के हैं। ये सफ़ेद मार्बल से बने हैं लेकिन सवाल ये है कि सफ़ेद मार्बल ही क्यों। आइये आपको आज इसका जवाब जानते हैं।

दरअसल इन मंदिरों का रंग सफ़ेद इसलिए है क्यूंकि हिन्दू धर्म में इस रंग को पवित्रता और शांति का रंग माना गया है।

ऐसी मान्यता है कि जब श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए पहुंचते हैं तो सफ़ेद रंग के करा उन्हें सुकून की अनुभूति होती है।

इस्कॉन (ISKCON)- इस शब्द का अर्थ है I- इंटरनेशनल, S- सोसाइटी फॉर,K - कृष्णा, CON- कॉन्सियसनेस

इस्कॉन की शुरुआत हरे कृष्णा मूवमेंट के तौर पर हुई थी। श्री स्वामी प्रभुपाद ने साल 1966 में इसकी स्थापना की थी।

इस मंदिर का उद्देश्य देश और दुनिया के लोगों भगवद गीता के उपदेशों से जोड़ना है। इस्कॉन वेदों और वैदिक शिक्षाओं का पालन करता है।