स्ट्रेस में रहना कॉमन है पर अगर ये लगातार बना रहे तो ये डिप्रेशन बन जाता है। स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन अच्छा तरीका है लेकिन खुश रहना भी जरूरी है।
अब सवाल है कि क्या टेंशन से भी फायदा हो सकता है? इसका जवाब है हां। हम बात कर रहे हैं गुड स्ट्रेस की। ये आपकी सिचुएशन पर डिपेंड करता है कि आपको किस टाइप का स्ट्रेस है।
अगर आप किसी अच्छी सिचुएशन में स्ट्रेस ले रहे हैं तो ये गुड स्ट्रेस कहलाता है। जैसे किसी के यहां बच्चे की डिलीवरी होने वाली है और इस दौरान लिया गया स्ट्रेस गुड लिस्ट में आता है।
कुछ सिचुएशन हैं जिनमें गुड स्ट्रेस होता है। किसी कंपटीशन-गेम, पहली डेट पर जाना, नई जॉब शुरू करना, नया घर खरीदना और बिग प्रोजेक्ट की डेडलाइन के लिए स्ट्रेस का होना पॉजिटिविटी को दर्शाता है।
पैसों की किल्लत, किसी अपने की मौत हो जाना, तलाक, हाई प्रेशर जॉब को करना और किसी के बीमार होने पर अस्पताल में बनी कंडीशन में बैड स्ट्रेस होता है। इससे बचना आसान नहीं है पर कंट्रोल किया जा सकता है।
गुड स्ट्रेस भले ही कुछ देर के लिए मिलता है पर ये हमें इंस्पायर करता है। मोटिवेशन मिलने से भी अच्छा महसूस होता है और पॉजिटिविटी में बेस्ट रिजल्ट मिल जाते हैं।
तनाव अगर मानसिक है तो इसे राहत पाने के लिए कुछ तरीके अपनाएं जा सकते हैं। योग के जरिए मेंटल स्ट्रोस को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आप रोजाना कुछ मिनट मेडिटेशन करें और फर्क देखें।