एक ऐसा देश जिसका आज तक एक भी जवान शहीद नहीं हुआ

हर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी फाॅर्स में तैनात जवानों के कंधे पर होती हैं। जब वो रात को बॉर्डर पर हमारे लुए जागते हैं तभी हम अपने घरों में चैन से सो रहे होते हैं।

बिना अपनी जान की रक्षा किये वो अपने से पहले देश को रखके उसकी रक्षा करते हैं। कोई नयी बात नहीं है मुठभेड़ और आतंकी हमलों में जवानों के मरने की खबर सामने आना।

लेकिन इस ही दुनिया में एक ऐसा देश भी है जिसके इतिहास में आज तक सेना का एक भी जवान शहीद नहीं हुआ है।

ये देश है स्विट्ज़रलैंड। इस देश की सेना स्विस सशस्त्र बल का एक भी सैनिक आज तक शहीद नहीं हुआ है।

इसकी एक वजह ये भी रही की स्विट्ज़रलैंड आज तक कही किसी अंतर्राष्ट्रीय हमले में शामिल नहीं हुआ है। इस देश ने कभी भी किसी डायरेक्ट मिलिट्री कनफ्लिक्ट में हिस्सा नहीं लिया।

इस देश के पास उतनी ही ताकतवर और मजबूत जवानों की सेना है लेकिन वो केवल देश की सुरक्षा के लिए ही है। स्विस की सेना ने कभी किसी दूसरे देश के साथ युद्ध लड़ा ही नहीं है।

स्विट्ज़रलैंड एक स्टेबल देश है। इसकी सेना कभी किसी अंतर्राष्ट्रीय युद्ध में शामिल होती ही नहीं है। यहां तटस्थता नीति का अर्थ है किसी भी युद्ध में शामिल ना होना और अपने देश की शान्ति पर ध्यान देना।

दरअसल 1815 में विएना कांग्रेस के बाद, यूरोप के बड़े राष्ट्रों ने स्विट्ज़रलैंड को तटस्थ देश होने की मान्यता देदी थी। इस ही कारण पहली और दूसरे विश्व युद्ध में भी स्विट्ज़रलैंड की सीमाएं बंद रही और वो युद्ध से दूर रहा।

हालांकि एक बार स्विट्ज़रलैंड ने अपने 31 जवान अफ़ग़ानिस्तान में तैनात किये थे।

स्विट्ज़रलैंड की सेना में महिलाएं भी सशक्त तौर पर अपनी इच्छा से काम कर सकती है। यहां महिलाएं अग्रिम पंक्ति में सैनिक के तौर पर काम करती हैं।