Rajasthan: 24 घंटे से अधिक समय से लगातार हो रही बारिश के कारण अजमेर के पुष्कर में गंभीर जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे 1,000 से अधिक घरों और कई होटलों में पानी घुस गया है। अरावली पहाड़ियों से गिरता हुआ वर्षा जल कस्बे में जमा हो रहा है,
जिसके कारण व्यापक व्यवधान उत्पन्न हो रहा है तथा बचाव कार्य जारी है। पुष्कर में पिछले एक दिन में 100 मिमी से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है और शुक्रवार सुबह तक मूसलाधार बारिश जारी रही। उफनती पुष्कर झील अब 27 फीट से ज़्यादा गहराई तक पहुँच गई है।
अधिकारियों को डर है कि आगे और बारिश होने से शहर की जल निकासी व्यवस्था से जुड़े पहले से ही जलभराव वाले इलाकों में गंभीर बाढ़ आ सकती है।
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Rajasthan: पाली जिले में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान में भारी बारिश अब आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रही है। शुक्रवार को राज्य के कई इलाकों में घर और गाड़ियाँ पानी में डूब गईं। जानवर तैरते नज़र आए और अस्पताल परिसर में पानी घुस गया। एक घटना में, तालाब का तटबंध टूट गया,
जिससे तीन स्कूली बच्चों समेत सात लोग फँस गए। उन्होंने एक पेड़ से चिपककर अपनी जान बचाई। पाली के सादड़ी में एक पहाड़ी नाला उफान पर आ गया है। अधिकारियों ने धार्मिक स्थल परशुराम कुंड धाम में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया है। लूनी नदी में पानी के उफान पर आने पर लोग नाचते-गाते नज़र आए।
50 साल बाद फिर उसी दिन आफत बनकर बरसी बारिश
अजमेर में बारिश ने 50 साल पहले आई बाढ़ के पुराने मंजर की याद दिला दी है. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं. इसी बीच दरगाह के निजाम गेट से भीतर प्रवेश कर रहा एक जायरीन अचानक तेज बहाव वाले पानी में असंतुलित होकर गिर गया और बह गया.
उसे देख हर कोई हैरान रह गया. वहीं, निचली और कच्ची बस्तियों में पानी भरने से लोग घरों में कैद हो गए. दरगाह क्षेत्र, नाला बाजार, वैशाली नगर, कोटड़ा, श्रीनगर रोड जैसे इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति बनी रही. कई जगहों पर दुकानों और मकानों में पानी घुस गया.
स्थानीय लोगों ने 1975 की बाढ़ को याद करते हुए बताया कि हालात एक बार फिर वैसे ही बनते दिख रहे हैं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, सावित्री चौराहा, रोडवेज बस स्टैंड, मेयो लिंक रोड, राजा साइकिल, सिविल लाइंस क्षेत्र में तरणताल बन गए।
बजरंगगढ़ चौराहा, अलवर गेट, शास्त्री नगर, पंचशील, केसरगंज, मदन गोपाल मार्ग, रामगंज, सम्राट अशोक उद्यान-जयपुर रोड पर यही हाल दिखा। आनासागर का गेज 12.7 फीट होते ही सिंचाई विभाग ने 3 चैनल गेट तीन-तीन इंच खोल दिए।
बनास नदी के तेज बहाव के बीच ट्रैक्टर पर फंसे थे 17 लोग
राजस्थान में मानसून की लगातार हो रही बारिश से पूर्वी इलाकों में बाढ़ सी हालत हो गई है. टोंक में भारी बारिश के कारण बनास नदी विकराल रूप धारण कर रही है. खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी इस समय जिले के लोगों को डरा रही है.
शुक्रवार रात 17 लोग एक कार्यक्रम से वापस ट्रैक्टर पर गांव लौटते वक्त पुलिया पार कर रहे थे. तभी अचानक नदी के तेज बहाव में सभी लोग फंस गए. जिससे चीख पुकार मच गई. जिसकी सूचना तुरंत एसडीआरएफ सहित एसीएम तक पहुंची.
इसके बाद एसडीएम कपिल शर्मा ने एसडीआरएफ टीम को मौके पर पहुंचने के लिए सूचित किया. घटनास्थल पर बिना किसी देरी के पहुंचने के बाद एसडीआरएफ की टीम ने राहत एवं बचाव कार्य शुरु किया.
मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने अंधेरी रात में पानी के तेज बहाव के बीच बोट को उतारा और रस्सी की मदद से सभी 17 युवकों को सफलतापूर्वक बचा लिया. जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली.
बानियावास बांध ओवरफ्लो
पाली जिले में लगातार हो रही अच्छी बारिश के कारण बानियावास बांध पूरी तरह से भर गया है और अब ओवरफ्लो हो चुका है। बांध की अधिकतम भराव क्षमता 10 दशमलव 60 फीट है, जो इस स्तर को पार करने के बाद पानी बहने लगा।
इस पानी की आवक को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी का माहौल है, क्योंकि यह किसानों के लिए लाभकारी माना जा रहा है। हालांकि, बांध के ओवरफ्लो होने के बाद प्रशासन ने आसपास के इलाकों में जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
लोगों को एहतियात बरतने और नदी किनारे के क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। बांध के ओवरफ्लो होने से जलस्तर में वृद्धि की संभावना है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
प्रदेश के छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
राजस्थान में बीते 24 घंटों से भीषण बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश पर दबाव के प्रभाव के कारण, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले दो दिनों के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है।
बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी वर्षा हुई है। आईएमडी की ओर से अतिभारी वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए प्रशासन ने कोटा, बारां, झालावाड़, अजमेर, बूंदी और राजसमंद में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी हैं।
बूंदी, राजसमंद, कोटा, अजमेर, पाली, जोधपुर, धौलपुर और जयपुर सहित कई जिलों में भारी बारिश हुई है। राजधानी जयपुर में शुक्रवार देर शाम से शुरू हुई बारिश का दौर आज सुबह भी जारी है।
बकरियां चराने के दौरान नाड़ी में दर्दनाक हादसा
अजमेर में आफत की बारिश पुरे जिले में कहर बरपा रही है. गेगल थाना क्षेत्र स्थित उतडा गांव में दर्दनाक हादसा हुआ है. बकरियां चराने गई 4 युवतियां नाड़ी में डूब गई. जिसमें से तीन की दर्दनाक मौत हो गई है. वहीं एक युवती अचेत हो गई है.
तीनों के शव को लेकर JLN अस्पताल पहुंचे. शवों को अस्पताल के चिरघर में रखवाया गया है. अचेत युवती का अस्पताल में उपचार जारी है. मृत युवतियां आपस में बहनें हैं. सिमरन, बिलकिस, नाजिया की दर्दनाक मौत हुई है.
वहीं आशु नामक युवती का अस्पताल में उपचार चल रहा है. अजमेर में बीते 32 घंटे में शहर में 200 MM बारिश हुई है. कलेक्टर लोक बंधु फिल्ड में बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में मॉनिटरिंग कर रहे है. प्रशासन युद्ध स्तर पर हालत सुधारने में जुटा है, ऐसे में लोगों को राहत मिल रही है.
जयपुर में बारिश से सड़कों पर भरा पानी
राजधानी जयपुर को देर रात से आज सुबह तक मानसूनी फुहारों ने जमकर भिगोया। इससे वातावरण में ठंडक घुल गई। देर रात से ही गुलाबी नगर में लगातार रिमझिम बारिश का दौर चल रहा है। आज सवेरे से ही हो रही बारिश के चलते शहर की सड़कों पर लोग भीगते हुए आफिस पहुंचे।
वहीं प्रदेश की बात करें तो आज प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार से मध्यम गति की बारिश दर्ज की गई। तापमान गिरने से कई जिलों में आज सवेरे मौसम ठंडा रहा। वही रिमझिम बारिश से जगह-जगह पानी भर गया और लोगों की परेशानी बढ़ गई।
कॉलोनियों में रातभर बारिश के कारण सड़कें डूब गईं, लोगों के घरों में पानी घुस गया। जल भराव की स्थिति के कारण शहर की कई सड़कों पर लंबा जाम नजर आया। जयपुर के वाटिका क्षेत्र से वाहन चालकों को टोंक रोड मुख्य सड़क पर आने के लिए करीब 1 घंटे तक का इंतजार लंबे जाम के कारण करना पड़ा।
सवाई माधोपुर के गोठड़ा का कच्चा बांध टूटा
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में शुक्रवार को तेज बारिश के कारण गोठड़ा लाखनपुर की पहाड़ी के बीच बना एक कच्चा बांध अचानक से टूट गया, जिससे 4 गांव जलमग्न हो गए और दर्जनों घरों में पानी भर गया. बांध टूटने की वजह तेज बारिश और पानी के दबाव को माना जा रहा है.
बांध पर पानी का दबाव इतना अधिक था कि बांध की पाल में कटाव लग गया और एक तरफ से मिट्टी कटते ही ताश के पत्तों की तरह बांध की पाल बह गई. बांध के टूटने से गोठड़ा, लाखनपुर, रतनपुरा और गोल गोठड़ा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
इन गांवों में कई घर जलमग्न हो गए और खेतों की फसलें नष्ट हो गईं. बांध के टूटने से करीब डेढ़ घंटे के लिए बोली बोरखेड़ा मार्ग भी बंद हो गया. बांध के टूटने से कई पशु भी पानी में बह गए हैं. गनीमत यह रही कि दिन में बांध के टूटने की वजह से कोई जन हानि नहीं हुई है.
बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश का असर
बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश का असर है. बांध में फिर पानी की तेज आवक शुरू हुई. बांध का गेज बढ़कर 314.51 RL मीटर हुआ. बांध तक पानी लाने वाली त्रिवेणी नदी के गेज में भी लगातार इजाफा हो रहा है. त्रिवेणी का गेज बढ़कर 3.20 मीटर हुआ.
बांध में कुल भराव क्षमता का करीब 82.19% पानी आया. बांध की कुल भराव क्षमता 315.50RL मीटर हैं. बीसलपुर बांध टोंक, अजमेर और जयपुर की लाइफलाइन माना जाता है. बांध के पानी से करोड़ों लोगों की प्यास बुझती है.
बांध क्षेत्र में अब तक 594MM बारिश दर्ज की गई. जल्द बीसलपुर बांध के गेट खोले जा सकते है. बांध से बनास नदी में पानी की निकासी की जा सकती है. बीसलपुर बांध परियोजना से जुड़े अधिकारी बांध में पानी की आवक और कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश पर नजर बनाए हुए है.
पार्वती बांध के 10 गेट खोले
राजस्थान के धौलपुर जिले में आसमान से बरस रही बारिश ने हाहाकार मचा दिया है. जिले के बांध, तालाब, नदियां एवं जलाशय लबालब हो चुके हैं. जिले का सबसे बड़ा पार्वती बांध और उर्मिला सागर भी लबालब भर चुका है.
पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में अधिक बारिश होने की वजह से शनिवार सुबह जल संसाधन विभाग ने बांध के 10 गेट खोलकर करीब 11000 हजार क्यूसेक पानी रिलीज किया है. उधर, उर्मिला सागर भी भराव क्षमता 29 फीट को पार कर 31 फीट तक पहुंच चुका है.
सागर के आसपास बसी आबादी को देखते हुए कलेक्टर ने धौलपुर करौली हाईवे को कटवाकर पानी को डाइवर्ट करा दिया है. पार्वती बांध की भराव क्षमता 223.41 मीटर है. पानी की आवक ज्यादा होने की वजह से गेज लेवल 223.15 मीटर पहुंच गया है.
डांग क्षेत्र में हो रही बारिश का पानी तेजी से बांध में प्रवेश कर रहा है. कैचमेंट एरिया में लगातार पानी की आवक होने के कारण जल संसाधन विभाग ने गेट 2-2 फीट तक खोले हैं.
कोटा-पुष्कर में जलसैलाब
देशभर में इस बार मानसून कई रंगों में नजर आ रहा है, लेकिन राजस्थान में बादल कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं. भारत मौसम विभाग (IMD) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में इस साल अब तक सामान्य से 116 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है.
यह न सिर्फ राज्य के लिए रिकॉर्ड स्तर की बारिश है, बल्कि इससे आम जनजीवन पर भी गहरा असर पड़ा है. खासकर कोटा, अजमेर और पुष्कर जैसे क्षेत्रों में, जहां कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और स्कूलों तक को बंद करना पड़ा है.
शुक्रवार को हुई मूसलधार बारिश ने राजस्थान के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. कोटा में कोटा बैराज के गेट खोलने पड़े, जबकि पुष्कर में घंटों हुई बारिश से बाजारों और घरों में पानी घुस गया.
सांगोद (कोटा) में सर्वाधिक 17 सेमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में 11 सेमी बारिश हुई. आईएमडी ने अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, टोंक, पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
7 करोड़ में बना कॉलेज डूबा
राजकीय विधि महाविद्यालय सिरोही में शिक्षा अब एक संघर्ष बन गई है। हर साल बारिश के मौसम में महाविद्यालय के पीछे बहने वाला नाला छात्रों के लिए जीवन के लिए खतरा बन जाता है। इस नाले की रफ्तार इतनी तेज़ हो गई है कि अब यह 800 मीटर तक फैल चुका है और उसका पानी घुटनों से ऊपर बहने लगा है।
नाले के पानी में फंसकर छात्र-छात्राएँ जान जोखिम में डालकर कॉलेज पहुँचने के लिए मजबूर हैं। यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब यह पता चलता है कि इस कॉलेज के निर्माण पर लगभग 7 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन कॉलेज तक पहुंचने के लिए अब तक कोई सुरक्षित सड़क, पुलिया या रास्ता नहीं बनाया गया है।
छात्र-छात्राओं को जान जोखिम में डालकर कॉलेज पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो न केवल उनकी सुरक्षा के लिए खतरे की बात है, बल्कि इस महाविद्यालय की पूरी प्रशासनिक विफलता को भी उजागर करता है।