Maharashtra Muslim Votebank Politics: वोट बैंक की पॉलिटिक्स क्या न करा दे। महाराष्ट्र में 12 परसेंट वोट के लिए शरद पवार-उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी ने एक डील कर ली है। डील इसलिए कह रहे हैं कि महाराष्ट्र उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी के नेताओं को 17 शर्तों की एक लिस्ट सौंपी है। इस लिस्ट की 5 बड़ी शर्तों में मुस्लिमों को 10% आरक्षण, वक्फ संशोधन बिल रद्द करने, मुस्लिमों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता, इमामों-मौलानाओं को 15000 रु./महीना और RSS पर प्रतिबंध की शर्त शामिल है। इसमें पांचवीं शर्त सबसे अहम है। हो सकता है कि इसी से खुश होकर शरद पवार और कांग्रेस ने उलेमा बोर्ड को कह दिया है कि सत्ता में अगर आए तो उनकी शर्तों पर फैसला लेंगे।
धर्मसंकट में फंसे उद्धव ठाकरे
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की सशर्त समर्थन की चिट्ठी मिलते ही शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस ने अपनी रजामंदी भी जाहिर कर दी। एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस ने उलेमा बोर्ड को धन्यवाद दिया है और उनकी मांगों को पूरा करने पर सहमति जता दी है। जबकि NCP शरद पवार गुट और कांग्रेस ने जवाबी चिट्ठी में लिखा है कि अगर वो सत्ता में आए तो उन शर्तों को पूरा करने के लिए कदम उठाएंगे। कांग्रेस और शरद पवार की तरफ से रजामंदी ने उद्धव को धर्मसंकट में डाल दिया है। अभी तक उद्धव समझ ही नहीं पा रहे हैं कि उलेमा बोर्ड की चिट्ठी का जवाब कैसे दे और क्या दें।
वोटबैंक के लिए पहली बार गठबंधन
उलेमा की चिट्ठी महाराष्ट्र में वोटबैंक हासिल करने वालों के लिए शर्तों की लिस्ट है। इस लिस्ट में लिखी शर्तों पर जिसने भी अमल किया, उसके खाते में खटाखट 12 फीसदी वोट आ सकते हैं। चुनावी राजनीति में अब तक राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन होता था, लेकिन ये पहली बार है जब वोटबैंक के लिए ही गठबंधन हो रहा है।
हिंदुओं में बढ़ गई नाराजगी
मुस्लिम संतुष्ट हैं, लेकिन इससे हिंदुओं में नाराजगी बढ़ गई है। उलेमा बोर्ड की शर्तों पर महाविकास अघाड़ी के 2 दलों का समर्थन हिंदुओं को वोटबैंक पॉलिटिक्स की याद दिला रहा है। ऐसा लगता है कांग्रेस और NCP शरद पवार गुट की ओर से चिट्ठी मिलना बस एक कोरम था। शायद वोटबैंक के बदले प्रचार की तैयारी पहले से ही थी। अब तो मुस्लिम संगठनों की ओर से महाविकास अघाड़ी के लिए प्रचार की शुरुआत भी कर दी है। मराठी मुस्लिम सेवा संघ ने पर्चे बांट कर BJP के खिलाफ माहौल बनाने की शुरुआत की है। दावा है कि 400 NGO इस कैंपेन में उनके साथ है। यानी मुस्लिम वोट को पोलराइज करने की कोशिश शुरू हो चुकी है।
जानें उलेमा बोर्ड की 17 शर्तें
1- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS पर प्रतिबंध लगे
2- शिक्षा और नौकरियों में मुस्लिमों को 10% आरक्षण दें
3- वक्फ बिल का विरोध करें
4- महाराष्ट्र वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का फंड मिले
5- 2012 से 2024 तक के दंगों के मामलों में बंद निर्दोष मुसलमान कैदियों को करें रिहा
6- MVA के 30 सांसद मौलाना सलमान अजहरी की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखें
7- मस्जिदों के इमामों और मौलवियों को 15 हजार रुपये सरकारी वेतन दिया जाए
8- मुस्लिम युवाओं को पुलिस भर्ती में वरीयता दें
9- रामगिरी महाराज और नितेश राणे पर कार्रवाई हो
10- उलेमा बोर्ड के मौलवियों और इमामों को सरकारी समितियों में शामिल करें
11- महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती करें
12- वक्फ बोर्ड की भर्ती में मुसलमान युवकों को प्राथमिकता दें
13- चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट दें
14- वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने को बनाएं कानून
15- पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ बोलने पर बैन लगे
16- राज्य के 48 जिलों में मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की जब्त जमीनों का हो सर्वे
17- उलेमा बोर्ड को 48 जिलों में जरूरी संसाधन मुहैया कराएं