आज के समय में युवा किसी के साथ रिलेशनशिप में तेजी से आ जाते हैं, लेकिन उनके लिए उस रिलेशनशिप को लंबे समय तक चला पाना मुश्किल हो जाता है।
यही वजह है कि बहुत से लोग आपको समाज में ऐसे मिल जाएंगे जो सिचुएशनशिप में फंसे हुए हैं।
टॉक्सिक रिलेशनशिप, सिचुएशनशिप और डेटिंग ऐप्स पर घंटों बिताने वाले युवा अब इससे निकलने के लिए बॉयसोबर प्रैक्टिस को अपना रहे हैं। ये चलन आज के युवाओं में तेसी से बढ़ रहा है
सीधी भाषा में कहें तो बॉयसोबर प्रैक्टिस का मतलब कि आप दूसरों से प्यार की अपेक्षा करना बंद कर देते हैं और खुद से प्रेम करने लगते हैं। इसे आप सेल्फ लव या सेल्फ केयर भी कह सकते हैं.।
बॉयसोबर प्रैक्टिस सुन कर अगर आप समझ रहे हैं कि सिर्फ लड़कों के लिए है तो गलत हैं आप। दरअसल, इस प्रैक्टिस को लड़के और लड़कियां दोनों आज के समय में अपना रहे हैं।
ये प्रैक्टिस फिलहाल युरोप और अमेरिका में ज्यादा की जा रही है. लेकिन भारतीय युवा भी अब इसे अपना रहे हैं. खासतौर से वो युवा जो शहरों में रहते हैं और मोटी सैलरी वाली नौकरी कर रहे हैं.